Mandi Cloudburst: सराज में त्रासदी के बाद जिंदगी को पटरी पर लाने में जुटे लोग, तस्वीरों में देखिए हालात
Mandi Cloudburst हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सराज क्षेत्र में बादल फटने और भूस्खलन से भारी तबाही हुई है। थुनाग जंजैहली जैसे क्षेत्रों में मकान सड़कें और पुल नष्ट हो गए हैं जिससे हजारों लोग प्रभावित हैं। लापता लोगों की तलाश जारी है और राहत कार्य चल रहे हैं।

गगन सिंह ठाकुर, थुनाग। Mandi Cloudburst, हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सराज क्षेत्र में 30 जून और एक जुलाई की रात आई प्राकृतिक आपदा ने जनजीवन को पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया। तेज बारिश, बादल फटने और भूस्खलन ने थुनाग, जंजैहली, पखरैर, जरोल, पांडवशिला और बगस्याड जैसे क्षेत्रों को मलबे के ढेर में बदल दिया। कभी सेब के बगीचों की हरियाली से गुलजार रहा सराज आज चीखों, आंसुओं और टूटे सपनों की तहरीर बन चुका है। सैकड़ों मकान, सड़कें और पुल तबाह हो चुके हैं, हजारों लोग भोजन, पानी और संचार के अभाव में जीने को मजबूर हैं। इस सब के बीच सराज के लोग अपने स्तर पर भी जिंदगी को पटरी पर लाने में जुट गए हैं। लोग क्षतिग्रस्त पुल के स्थान पर अस्थायी व्यवस्था करने में जुट गए हैं।
सराज में आपदाग्रस्त क्षेत्र में मदद के लिए पहुंचे सेना के जवान। जागरण
80 हजार से अधिक आबादी प्रभावित
सराज की 38 पंचायतों के 129 राजस्व गांवों की 80,000 से अधिक आबादी प्रभावित है। थुनाग बाजार के 150 से अधिक मकान और दुकानें जमींदोज हो चुकी हैं। प्रशासनिक आंकड़ों में लापता लोगों की संख्या को लेकर विरोधाभास है। पुलिस 46 और प्रशासन 34 लोगों के लापता होने की पुष्टि करता है। सेब के बगीचे, पशुशालाएं और व्यापार ध्वस्त हो चुके हैं। स्कूल, कॉलेज, कोर्ट और अस्पताल मलबे में दबे पड़े हैं, जबकि बिजली और पानी की आपूर्ति पूरी तरह ठप है।
सराज में आपदाग्रस्त क्षेत्र का पैदल दौरा करते पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर।
थुनाग से जंजैहली अब 14 नहीं 160 किलोमीटर दूर
संचार व्यवस्था भी पूरी तरह चरमरा गई है। नेटवर्क न होने के कारण राहत और बचाव कार्यों में परेशानी आ रही है। चैल-जंजैहली और लंबाथाच-पंडोह जैसी सड़कें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। थुनाग से जंजैहली की 14 किलोमीटर दूरी अब 160 किलोमीटर की बन गई है। राहत कार्यों में जुटे प्रशासन, सेना, एनडीआरएफ और स्थानीय स्वयंसेवकों की मदद से अब तक 370 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
सराज में अधिकारियों के साथ राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लेने पहुंचे उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री।
प्राकृतिक आपदा नहीं, मानवीय त्रासदी
सराज का यह संकट केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि मानवीय त्रासदी है। टूटे घर, बिखरे सपने, और भूख-प्यास से जूझते लोग मदद की आस लगाए बैठे हैं। सरकार, समाज और हम सबकी यह सामूहिक जिम्मेदारी है कि मिलकर सराज को फिर से खड़ा करें। राहत की ये जंग अभी अधूरी है, उम्मीद है, लेकिन समय कम है।
मंडी जिला के सराज में आपदा के बाद ढहे घर के मलबे में कुछ सामान ढूंढने की कोशिश करता व्यक्ति।
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