Himachal Landslide: ऊपर से दरकते पहाड़ और नीचे तीर्थन नदी से भूमि कटाव, यहां हर पल सता रहा तबाही का डर
Himachal Pradesh Landslide मंडी के बालीचौकी में तीर्थन नदी के कटाव और पहाड़ी खिसकने से जीरो चौक पर खतरा मंडरा रहा है। हाल ही में पहाड़ दरकने से कई घर और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई हैं जिससे लोगों की नींद उड़ गई है। कई लोगों का रोजगार छिन गया है और वे राहत और पुनर्वास की गुहार लगा रहे हैं।

जागरण संवाददाता, बालीचौकी (मंडी)। Himachal Pradesh Landslide, हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में आपदा की सबसे ज्यादा मार पड़ी है। सराज क्षेत्र का बालीचौकी उपमंडल का जीरो चौक इन दिनों भय और अनिश्चितता के साए में है। ऊपर से दरकती पहाड़ी और नीचे से तीर्थन नदी के लगातार भूमि कटाव ने यहां के लोगों की नींद उड़ा दी है।
पिछले दिनों पहाड़ दरकने से छह घर और 30 दुकानें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। अब भी पहाड़ी लगातार खिसक रही है, जिससे बचे घरों और दुकानों को भी खतरा बना हुआ है।
जीरो चौक इस क्षेत्र का व्यापारिक और सामाजिक केंद्र था। छोटे-बड़े दुकानदारों के साथ सैकड़ों लोगों की रोजी रोटी यहां से चलती थी। पहाड़ दरकने और नदी के कटाव ने न केवल उनका आशियाना बल्कि उनका रोजगार भी छीन लिया है। कुछ लोग रिश्तेदारों के घरों में शरण लिए हुए हैं, तो कुछ अस्थायी टेंट में रात गुजार रहे हैं।
दुकानदारों ने खाली की दुकानें
कई दुकानदारों ने डर के मारे अपना सामान पहले ही खाली कर लिया था। जिनकी दुकानें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, वह अब मलबे के बीच टूटे-फूटे सामान को खोजने में जुटे हैं। लगातार वर्षा और मिट्टी खिसकने से यह काम भी मुश्किल हो गया है।
राहत व पुर्नवास की गुहार
स्थानीय निवासी डोला राम व बीरी सिंह कहते हैं कि हमने सालों की मेहनत से घर और दुकानें बनाई थीं। अब न छत बची है, न रोज़गार। सरकार और प्रशासन से राहत और पुनर्वास की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन हर दिन खतरा बढ़ता जा रहा है।
बुजुर्ग बोले, ऐसी तबाही नहीं देखी
बुजुर्ग बताते हैं कि उन्होंने कभी इस तरह की तबाही नहीं देखी। तीर्थन नदी का तेज बहाव और ऊपर से दरकता पहाड़ मानो पूरे जीरो चौक को निगलने पर आमादा है। लोगों में यह डर भी है कि अगले ही पल उनका घर या दुकान धराशायी हो सकती है। 30 दुकानदारों का रोजगार छिनने से उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है।
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