Himachal: 35 घंटे बाद बहाल हुआ मनाली फोरलेन, भूखे-प्यासे फंसे रहे हजारों लोग, टला नहीं है खतरा सफर से पहले पढ़ लें गाइडलाइन
Himachal Pradesh Landslide हिमाचल प्रदेश में पंडोह के पास भूस्खलन से बाधित कीरतपुर-मनाली फोरलेन 35 घंटे बाद बहाल हो गया। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण मार्ग अवरुद्ध था जिससे हजारों यात्री फंसे रहे। पंडोह डैम कैंची मोड़ और अन्य स्थानों पर पत्थर गिरने से राहत कार्य में बाधा आई।

संवाद सहयोगी, पंडोह (मंडी)। Himachal Pradesh Landslide, हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित कीरतपुर-मनाली फोरलेन को 35 घंटे बाद सोमवार दोपहर तीन बजे यातायात के लिए बहाल कर दिया गया। इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर पंडोह से लेकर नगवाईं तक कई स्थानों पर भारी भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं के कारण आवाजाही पूरी तरह से अवरुद्ध थी।
हजारों वाहन चालकों व अन्य लोगों ने रात गाड़ियों में ही बिताई। इस कारण उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई लोग भूखे-प्यासे रातभर फंसे रहे। दोपहर बाद मार्ग बहाल होने पर लोगों ने राहत की सांस ली।
रविवार रात से लगातार हो रही वर्षा के कारण सुबह चार बजे से पंडोह डैम के पास, कैंची मोड़, जोगणी मोड़, हनोगी ब्रिज, झलोगी और थलोट (शालानाला) में पहाड़ों से बड़े-बड़े पत्थर और मलबा गिरने लगा, जिससे मार्ग पूरी तरह बंद हो गया। लोक निर्माण विभाग और एनएचएआई की मशीनों ने त्वरित कार्रवाई शुरू की, लेकिन लगातार गिरते पत्थरों के कारण राहत कार्यों में भारी बाधा आई।
शालानाला, औट, पनारसा, टकोली और नगवाई क्षेत्रों में बादल फटने की घटनाएं सामने आईं। एफकोन कंपनी की कालोनी व ऑफिस, टकोली सब्ज़ी मंडी, और कई घर-दुकानें बाढ़ और मलबे की चपेट में आ गए। सड़कों पर पानी और मलबा भरने से फोरलेन मार्ग कई जगह अवरुद्ध हो गया।
झलोगी में दोपहर एक बजे फिर दरका पहाड़
रविवार शाम तक जोगणी मोड़ और हणी गी ब्रिज व अन्य स्थानों के पास का मार्ग आंशिक रूप से बहाल कर दिया गया था। दवाड़ा और झलोगी के पास भारी मलबा हटाने में विशेष कठिनाई आई। सोमवार दोपहर लगभग एक बजे झलोगी मार्ग खुलने ही वाला था कि अचानक फिर से पत्थर गिरने लगे। आखिरकार दोपहर तीन बजे इस हिस्से को भी बहाल कर दिया गया।
मार्ग बहाल पर बरतनी होगी सतर्कता
पंडोह पुलिस चौकी प्रभारी अनिल कटोच ने बताया कि मार्ग को खुला घोषित कर दिया गया है, लेकिन सफर करने वालों से अत्यधिक सावधानी बरतने की अपील की गई है। वैकल्पिक मार्गों की स्थिति भी खराब है और प्रशासन हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है। अभी कई प्वाइंट पर भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। मंडी में पंडोह डैम के पास का क्षेत्र संवेदनशील है। कैंची मोड़, जोगणी मोड़, हणोगी ब्रिज, झलोगी और थलोट आदि क्षेत्र में भूस्खलन का खतरा बना हुआ है।
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