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    Himachal Landslide: मंडी में मनाली-कीरतपुर फोरलेन पर फिर गिरी चट्टानें, हाईवे पर खतरा बने हुए हैं ये 9 प्वाइंटस

    Updated: Sun, 03 Aug 2025 02:49 PM (IST)

    Himachal Pradesh Landslide मंडी-कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर औट तक भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। जोगणी मोड़ पर चट्टानें गिरने से यातायात बाधित हुआ। मंडी से औट तक का हिस्सा रेड जोन बन चुका है जहां प्रशासन ने पुलिस बल तैनात किया है। लगातार हो रहे भूस्खलन से यात्रियों की चिंता बढ़ गई है और स्थायी समाधान की मांग की जा रही है।

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    मनाली-कीरतपुर फोरलेन पर मंडी में जोगणी मोड़ के पास हुआ भूस्खलन व पंडोह में क्षतिग्रस्त मार्ग।

    विशाल वर्मा, पंडोह (मंडी)। Himachal Pradesh Landslide, सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कीरतपुर-मनाली फोरलेन का मंडी से औट तक का हिस्सा इन दिनों बेहद खतरनाक बना हुआ है। यहां कदम-कदम पर मौत मंडरा रही है। कब पहाड़ी से पत्थरों की बरसात हो जाए या फिर कब भयंकर मलबा आकर आपको हानि पहुंचा दे, इसका किसी को कोई पता नहीं होता।

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    आने-जाने का और कोई साधन नहीं है और यहां से जान हथेली पर रखकर ही सफर करना पड़ता है। जगह-जगह होने वाले भूस्खलन ने वाहन चालकों और यात्रियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। पहले कई लोग पत्थर गिरने और लैंडस्लाइड की घटनाओं के कारण अकाल मृत्यु का शिकार हो चुके हैं।

    लोक निर्माण विभाग और नेशनल हाईवे अथारिटी की ओर से अस्थायी मरम्मत और मलबा हटाने का काम जारी है, लेकिन स्थायी समाधान की मांग लगातार उठ रही है।

    जोगणी मोड़ पर चट्टानें गिरींने से बंद रही आवाजाही

    कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर मंडी-कुल्लू मार्ग में स्थित जोगणी मोड़ एक बार फिर खतरे की जद में आ गया। रविवार को सुबह लगभग 11 बजे अचानक पहाड़ी से पत्थर और मलबा सड़क पर आ गिरा। हालांकि सुबह से मौसम साफ था और धूप खिली हुई थी, लेकिन इसके बावजूद पहाडी़ से अचानक गिरे पत्थरों ने राहगीरों की चिंता फिर बढ़ा दी। गनीमत रही कि कोई वाहन चपेट में नहीं आया।

    साफ मौसम में भी पत्थर गिरने का रहता है खतरा

    पंडोह चौकी प्रभारी अनिल कटोच ने बताया कि पत्थर गिरने से हाईवे पर यातायात करीब आधा घंटा बाधित रहा। इसके बाद मौके पर पहुंची विभाग की मशीनरी की मदद से मलबा हटाया गया और मार्ग को फिर से सुचारू रूप से बहाल कर दिया गया। जोगणी मोड की पहाड़ी भौगोलिक दृष्टि से अत्यंत अस्थिर है। यहां धूप में भी पत्थर गिरने की संभावना बनी रहती है, जिससे यह इलाका यात्रियों के लिए हमेशा जोखिम भरा बना हुआ है।

    रेड जोन बन चुका है हाईवे का यह हिस्सा, नौ जगह खतरा

    मंडी से औट तक का हिस्सा एक तरह से रेड जोन ही बन चुका है। इस हिस्से पर चार मील, छह मील, नौ मील, पंडोह डैम के साथ लगता कैंची मोड़, दयोड़, जोगणी मोड़, दवाड़ा फ्लाईओवर, झलोगी और बनाला शनि मंदिर जैसे कई ऐसे स्थान हैं, जो अतिसंवेदनशील बन चुके हैं। इन्हीं स्थानों पर आए दिन पहाड़ी से पत्थर गिरने और लैंडस्लाइड की सबसे ज्यादा घटनाएं सामने आ रही हैं।

    प्रशासन और पुलिस हर वक्त

    प्रशासन और पुलिस ने खतरे से निपटने के लिए संवेदनशील स्थानों पर पुलिस जवानों की 24 घंटे तैनाती की गई है ताकि किसी भी संभावित हादसे पर त्वरित कार्रवाई हो सके। रात के समय जब खतरे की संभावना अधिक नजर आती है या फिर भारी बारिश हो रही होती है तो उस वक्त यातायात को सुरक्षित स्थानों पर रुकवा दिया जाता है।

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