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    Himachal Flood: सावधान! हिमाचल के सात जिलों में बाढ़ का खतरा, अगले 24 घंटे बेहद खतरनाक; हेल्पलाइन नंबर जारी

    Updated: Tue, 08 Jul 2025 02:42 PM (IST)

    Himachal Disaster हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश जारी है जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग ने चंबा कांगड़ा मंडी कुल्लू शिमला सोलन और सिरमौर जिलों में बाढ़ की चेतावनी जारी की है। राज्य में कई सड़कें बंद हैं और जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं। मानसून की शुरुआत के बाद से बारिश से संबंधित घटनाओं में 52 लोगों की मौत हो चुकी है।

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    Himachal Cloudburst: सावधान! हिमाचल के सात जिलों में बाढ़ का खतरा (जागरण फोटो)

    पीटीआई, शिमला। Himachal Flood: हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश का कहर जारी है। जिस कारण प्रदेश में बाढ़ का खतरा एक बार फिर मंडरा रहा है। 

    स्थानीय मौसम विभाग ने मंगलवार को अगले 24 घंटों में सात जिलों के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बाढ़ के खतरे की चेतावनी दी है। इन जिलों में चंबा, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, शिमला, सोलन और सिरमौर शामिल हैं।

    मौसम विभाग ने अगले सोमवार तक राज्य के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी देते हुए 'येलो' अलर्ट भी जारी किया है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, सबसे अधिक प्रभावित मंडी जिले में 153 सहित कुल 225 सड़कें बंद हैं, जबकि राज्य में 163 ट्रांसफार्मर और 174 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं।

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    हिमाचल में कितनी हुई बारिश

    हिमाचल प्रदेश में 1 जून से 8 जुलाई तक 152.6 मिमी सामान्य बारिश के मुकाबले 203.2 मिमी बारिश हुई है। इस अवधि के दौरान मंडी जिले में 110 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई, शिमला में 89 प्रतिशत और ऊना में 86 प्रतिशत। मानसून ने 20 जून को हिमाचल प्रदेश में दस्तक दी थी।

    हिमाचल प्रदेश में 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से 23 बाढ़, 19 बादल फटने और 16 भूस्खलन हुए हैं और अब तक राज्य में बारिश से संबंधित घटनाओं में 52 लोगों की मौत हो चुकी है, अधिकारियों ने कहा कि मंडी जिले में खोज और बचाव अभियान तेज कर दिया गया है।

    अब तक 80 लोगों की मौत

    उन्होंने कहा कि थुनाग, गोहर और करसोग उपखंडों में पिछले सप्ताह लापता हुए 28 लोगों का पता लगाने के लिए ड्रोन और खोजी कुत्तों का इस्तेमाल किया जा रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में 20 जून से 80 मौतें हुई हैं।

    80 में से 52 मौतें बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन जैसी बारिश से जुड़ी घटनाओं से जुड़ी थीं। अधिकारियों ने कहा कि शेष 28 मौतें सड़क दुर्घटनाओं से जुड़ी थीं। एसईओसी के अनुसार, अब तक बारिश के कारण अनुमानित नुकसान लगभग 692 करोड़ रुपये है। 

    (पीटीआई इनपुट के साथ)