'साहब मेरे दो घर थे, दोनों तबाह हो गए...', कंधे से लगकर फूट-फूटकर बुजुर्ग, CM ने कह दी दिल छू लेने वाली बात
Himachal Disaster मंडी के सराज में आपदा पीड़ितों से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 80 वर्षीय कली देवी का दुख सुनकर उन्हें ढांढस बंधाया। कली देवी ने अपनी आपबीती सुनाई कि कैसे उन्होंने अपना घर खो दिया। मुख्यमंत्री ने उन्हें घर बनाने के लिए 7 लाख रुपये की सहायता देने का वादा किया और यह भी कहा कि सरकार आपदा में मारे गए मवेशियों के लिए मुआवजा देगी।

गगन सिंह ठाकुर, मंडी। Mandi Disaster: सराज में तबाही के बीच जब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राहत कार्यों का जायजा लेकर थुनाग के बाड़ा गांव पहुंचे तो 80 वर्षीय कली देवी के दर्द से सबकी आंखों में आंसू आ गए। वह मुख्यमंत्री के पास पहुंचकर फूट-फूटकर रोने लगीं। बोलीं साहब, मेरे दो घर थे, दोनों तबाह हो गए। अब कहां जाएं... मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या आपके पास दूसरी जगह जमीन है?
कली देवी ने हां में सिर हिलाया। इस पर मुख्यमंत्री ने भरोसा देते हुए कहा कि जमीन आप चुनिए, सरकार सात लाख रुपये देगी, लेकिन नाले से दूर घर बनाना। कली देवी ने बताया कि उनकी उम्र 80 पार कर चुकी है, पति उन्हें अकेला छोड़कर जा चुके हैं। ऐसी तबाही पहले कभी नहीं देखी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एक भी पीड़ित परिवार राहत से वंचित न रहे।
कोई भी गलत रिपोर्ट न दी जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुरक्षा की दृष्टि से अब नए मकानों के लिए नदी-नालों से दूर स्थान चुने जाएं। डंगे लगाए जाएं ताकि भविष्य में नुकसान रोका जा सके। मुख्यमंत्री ने यह भी एलान किया कि जिन लोगों के मवेशी आपदा में मारे गए हैं, उन्हें भी मुआवजा मिलेगा।
गाय के लिए 50 हजार रुपये देने की सहायता
एक गाय के लिए 50,000 रुपये की सहायता दी जाएगी। गांव में पशु ही परिवार की रोजी-रोटी हैं उन्हें हम अकेला नहीं छोड़ेंगे। जब मुख्यमंत्री पखरैर पंचायत से लौट रहे थे तो रास्ते में उन्होंने एक प्राकृतिक चश्मे का पानी पीया और उपायुक्त मंडी से कहा कि बहुत स्वादिष्ट है यह पानी।
महिलाओं ने उनसे कहा कि कोई विशेष सुविधा नहीं, बस घरों तक सड़क पहुंचा दो, राशन खुद उठा लेंगे। थुनाग व्यापार मंडल के व्यापारियों को भरोसा दिया कि जिनकी दुकानें तबाह हो गई हैं, उन्हें हरसंभव मदद मिलेगी।
सीएम ने प्रशासन की मनाही के बावजूद थुनाग में बिताई रात
भारी वर्षा की चेतावनी और प्रशासनिक आग्रह को दरकिनार करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार रात थुनाग में बिताई। उन्होंने आपदा पीड़ितों के साथ कुछ समय भी बताया।
मौसम विभाग द्वारा जारी रेड अलर्ट के बावजूद विश्राम गृह में रहकर पीड़ित परिवारों के साथ दुख साझा किया उन्हें सांत्वना दी और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार पूरी ताकत के साथ उनके साथ खड़ी है।
प्रशासन ने मुख्यमंत्री को सुरक्षा कारणों से क्षेत्र में न रुकने की सलाह दी थी, परंतु सुक्खू ने साफ शब्दों में कहा कि जब लोग इस कठिन समय में सब कुछ खोकर राहत शिविरों में रात गुज़ार रहे हैं तो मैं उनका दर्द साझा किए बिना कैसे लौट सकता हूं?
थुनाग विश्राम गृह, मंडी जिले का सबसे बड़ा राहत शिविर है, जहां इस समय 130 से अधिक आपदा प्रभावित, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे हैं, शरण लिए हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रत्येक प्रभावित परिवार से बात की, उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया और बच्चों के साथ संवाद कर उनका मनोबल बढ़ाया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत और पुनर्वास कार्यों में कोई ढिलाई न बरती जाए। राहत प्राथमिकता के आधार पर पीड़ितों तक पहुंचे।
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