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    Himachal Cloudburst : बादल फटने के बाद आई बाढ़ से चट्टानों ने बचा लिया कोरतंग गांव, वरना सराज जैसे होते हालात

    Updated: Sun, 06 Jul 2025 05:58 PM (IST)

    Himachal Pradesh Cloudburst मंडी जिले के पद्धर में बादल फटने से कोरतंग गांव को चट्टानों ने सुरक्षित बचाया। एसडीएम सुरजीत ठाकुर ने बताया कि सिल्हबुधाणी-कोरतंग सड़क भूस्खलन से बाधित है और लगभग 50-60 बीघा उपजाऊ भूमि बह गई है। राजस्व विभाग नुकसान का आकलन कर रहा है। लोक निर्माण विभाग सड़क बहाली में जुटा है। चौहारघाटी में 1993 और 2024 में भी ऐसी घटनाएं हुई थीं।

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    मंडी के कोरतंग गांव में बादल फटने से हुआ नुकसान व चट्टानें, जिनके कारण बाढ़ गांव की ओर नहीं आई।

    आशीष भोज, पद्धर (मंडी)। Himachal Pradesh Cloudburst, जिला मंडी में चौहारघाटी की ग्राम पंचायत सिल्हबुधाणी में बीती रात बादल फटने की घटना के बाद चट्टानों ने कोरतंग गांव को सुरक्षित बचा लिया। यह चट्टानें प्राकृतिक रक्षक की तरह काम आईं। अन्यथा घटना बड़ी हो सकती थी। चट्टानों ने गांव की तरफ भूमि कटाव होने से रोक लिया। यदि बाढ़ का पानी गांव की तरफ रुख कर लेता तो सराज जैसा नुकसान हो सकता था। 

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    एसडीएम पद्धर सुरजीत सिंह ठाकुर ने टीम के साथ सिल्हबुधाणी क्षेत्र सहित अन्य प्रभावित गांवों का दौरा किया। बताया कि सिल्हबुधाणी-कोरतंग सड़क पर जगह-जगह भारी भूस्खलन हुआ है और एक कलवर्ट भी क्षतिग्रस्त हो गया है। सड़क यातायात के लिए पूरी तरह बाधित है।

    इसके अलावा गांव, स्कूल और पंचायत घर को जोड़ने वाले पैदल रास्ते भी बंद हो गए हैं। 50 से 60 बीघा उपजाऊ भूमि बह चुकी है। राजस्व विभाग की टीम नुकसान का आकलन कर रही है। गांव को जोड़ने के लिए अस्थायी रास्ते बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरतंग गांव के पास बड़ी-बड़ी चट्टानें थीं, जिससे गांव की ओर भूमि कटाव नहीं हुआ और गांव सुरक्षित बच गया। गांव में 17 तिरपाल दिए गए हैं।

    लोगों व प्रतिनिधियों को सतर्क रहने को कहा

    पंचायत प्रतिनिधियों को भी सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सूचना देने के लिए कहा गया है। उधर, लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता भगत राम यादव ने कहा कि सड़क में आए भूस्खलन को हटाने के लिए जेसीबी मशीन तैनात कर दी है। मार्ग को वाहन योग्य तैयार करने में समय लगेगा।

    1993 और 2024 का हादसा आया याद

    आज से ठीक 32 वर्ष पहले चौहारघाटी के स्वाड़ गांव सात जुलाई 1993 को रात लगभग साढ़े आठ बजे गांव में बादल फटने की घटना हुई थी। इस हादसे में 14 ग्रामीणों की मृत्यु हो गई थी। तेज बारिश, मलबे और पानी के सैलाब ने गांव को इस कदर निगल लिया कि कई परिवारों का सब कुछ छिन गया। इसी तरह 31 जुलाई 2024 चौहारघाटी को धमच्याण पंचायत के तेरंग गांव में एक वर्ष पूर्व बादल फटने की भयानक घटना घटी थी। आपदा में नौ लोगों की जान चली गई थी, जिनमें कई एक ही परिवार से थे। आठ लोगों के शव मलबे से बरामद किए गए, लेकिन एक व्यक्ति आज तक लापता है।