रंग लाए प्रयास, आइआइटी मंडी में पांच गुणा बढ़ी प्रशिक्षु गर्ल्स
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कमांद मंडी मेंछात्राओं की सुरक्षा के लिए एक हेल्प डेस्क बनाया गया है। छात्राएं इस हेल्प डेस्क के माध्यम से अपनी किसी भी तरह की समस्या बता सकती हैं। समस्या मिलने के बाद तुरंत समाधान किया जाएगा। हेल्प डेस्क में फैकल्टी के अलावा संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं जो शिकायतों का निवारण करेंगे।
संवाद सहयोगी, मंडी : कमांद स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी में अब प्रशिक्षु गर्ल्स की सुरक्षा के लिए एक हेल्प डेस्क बनाया गया है। गर्ल्स इस हेल्प डेस्क के माध्यम से अपनी किसी भी तरह की समस्या बता सकती हैं। समस्या मिलने के बाद तुरंत समाधान किया जाएगा। हेल्प डेस्क में फैकल्टी के अलावा संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं, जो शिकायतों का निवारण करेंगे। इसी शैक्षणिक सत्र से यह व्यवस्था की गई है। इससे संस्थान में गर्ल्स प्रशिक्षुओं की संख्या में भी इजाफा हुआ है। आइआइटी काउंस¨लग के दौरान छात्राएं नजदीकी संस्थानों में ही दाखिले लेना चाहती हैं। ऐसे में 5000 से 6000 के बीच रैंक लाने वाली अभ्यर्थी मनचाही ब्रांच न मिलने पर आइआइटी में दाखिला नहीं लेती और सीटें खाली रह जाती हैं। इससे आइआइटी में लड़कियों की संख्या भी नाममात्र रहती है। जेईई(एडवांस) क्वालिफाई करने के बाद भी मंडी, जम्मू और दिल्ली जैसे आइआइटी में सुरक्षा के चलते अभिभावक लड़कियों को एडमिशन मिलने पर भी नहीं भेजते। इसी को देखते हुए देश की अधिकतर आइआइटी ने इस वर्ष से फीमेल हेल्प डेस्क शुरू किया है। इसमें आइआइटी मंडी भी शामिल है। इसके तहत छात्राएं फैकल्टी से मोबाइल और ई-मेल से संपर्क कर सकती हैं। दाखिले के दौरान कई लड़कियों ने इस हेल्प डेस्क के माध्यम से संपर्क किया। इसके बाद हेल्प डेस्क के सदस्यों ने लड़कियों व उनके अभिभावकों की काउंस¨लग की। इसके परिणाम स्वरूप आइआइटी में छात्राओं की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। पहले मंडी आइआइटी में आठ फीसद छात्राएं थी, जो अब 25 फीसद हो चुकी हैं। इस वर्ष बीटेक में 196 विद्यार्थियों ने दाखिला लिया। इनमें 158 लड़के व 38 लड़कियां शामिल हैं। आइआइटी के निदेशक प्रो. टिमथी गोंजाल्विस ने बताया कि इंजीनियर बनने की इच्छुक लड़कियों के लिए आइआइटी मंडी सबसे अनुकूल है। छात्राओं की सुरक्षा के लिए यहां हेल्प डेस्क शुरू किया गया है, जिसके माध्यम से छात्राएं अपनी समस्या ऑनलाइन बता सकती हैं।
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इस वर्ष लिया 38 लड़कियों ने दाखिला
आइआइटी मंडी में 2015 में कुल आठ लड़कियों ने बीटेक में दाखिला लिया। इसके अगले साल संख्या घटकर छह रह गई, लेकिन 2017 में एकाएक संख्या बढ़कर 22 हो गई और इस वर्ष कुल 38 लड़कियों ने दाखिला लिया है।
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विद्यार्थियों की स्थिति
शाखा,कुल,पुरुष,महिला
सिविल इंजीनिय¨रग,39,32,7
कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनिय¨रग,57, 45,12
इलेक्ट्रिकल इंजीनिय¨रग,54,44,10
मैकेनिकल इंजीनिय¨रग,46,37,9