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    Health: दिनभर तरोताजा रखेगा जौ के सत्तू से बना लड्डू

    By Jagran NewsEdited By: Paras Pandey
    Updated: Thu, 10 Aug 2023 06:25 AM (IST)

    देश के लोग भी अब लाहुल स्पीति के जौ से बने सत्तू के लड्डू का स्वाद चखेंगे। पौष्टिक तत्वों से भरपूर यह लड्डू दिन भर तरोताजा रखेगा। भूख का कम एहसास करवाएगा। कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) ताबो ने पौष्टिकता को आधार मानकर लड्डू बनाने का फार्मूला विकसित किया है। पूजा और सत्तू बनाने में जौ का प्रयोग स्पीति में बड़े पैमाने पर विभिन्न किस्मों के जौ का उत्पादन होता है।

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    दिनभर तरोताजा रखेगा जौ के सत्तू से बना लड्डू

    मंडी ,हंसराज सैनी।  देश के लोग भी अब लाहुल स्पीति के जौ से बने सत्तू के लड्डू का स्वाद चखेंगे। पौष्टिक तत्वों से भरपूर यह लड्डू दिन भर तरोताजा रखेगा। भूख का कम एहसास करवाएगा। कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) ताबो ने पौष्टिकता को आधार मानकर लड्डू बनाने का फार्मूला विकसित किया है।

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    पूजा और सत्तू बनाने में जौ का प्रयोग स्पीति में बड़े पैमाने पर विभिन्न किस्मों के जौ का उत्पादन होता है। देश के कई बड़े मठों में पूजा के लिए यहां से जौ भेजा जाता है। पूजा के अलावा स्थानीय लोग जौ का सत्तू बना विभिन्न उत्पादन बनाने में उसका प्रयोग करते हैं। सत्तू बनाने के लिए पहले जौ साफ किए जाते हैं। फिर आंच पर गर्म कर आटा यानी सत्तू बनाया जाता है।

    सत्तू का प्रयोग स्पीति के लोग अपने स्तर पर अलग- अलग प्रकार से करते हैं। पहली बार लड्डू बनाया है। ट्रायल पर लड्डू खरा उतरा है। अब व्यावसायिक तौर पर बनाया जाएगा। डा. आरएस सपहिया, वरिष्ठ विज्ञानी एवं प्रमुख केवीके ताबो

    शरीर को हाइड्रेट करता है सत्तू 

    नाश्ते में काली चाय,घी मक्खन के साथ सत्तू का सेवन करना यहां के लोगों की दिनचर्या का हिस्सा है। सुबह खाली पेट सत्तू पीने से शरीर को हाइड्रेट करने में मदद मिलती है। शरीर में पानी की कमी को दूर करता है। पोषक तत्व और खनिज पदार्थों की अच्छी मात्रा होती है, जिससे दिन भर भूख नहीं लगती है।

    फाइबर से भरपूर

    सत्तू विटामिन बी, विटामिन सी, प्रोटीन, आयरन, थायमिन, राइबोफ्लेविन और जिंक जैसे पोषक तत्वों और फाइबर से भरपूर होता है। पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है। तेजी से पाचन नहीं होता है। इससे भूख भी कम सताती है।

    प्राकृतिक रूप से जौ की खेती 

    बड़ी बात यह है कि यहां जौ की खेती प्राकृतिक रूप से होती है। किसी प्रकार के रसायनिक या कीटनाशक का प्रयोग नहीं होता है। केवीके ताबो ने कुछ माह पहले इस दिशा में प्रयास शुरू किए थे। जौ के सत्तू से लड्डू बनाने का निर्णय लिया। वरिष्ठ विज्ञानी एवं केंद्र प्रमुख डा.आरएस सपहिया और सहायक प्रोफेसर अंकिता धीमान ने सत्तू में घी, बादाम, काजू, किशमिश और अन्य सामग्री के मिश्रण से लड्डू तैयार किए हैं।

    सीमा पर तैनात जवानों को भी दिए जाने का प्रस्ताव 

    ट्रायल के तौर पर कई गेस्ट हाउस और होटल वालों को लड्डू दिए गए। गेस्ट हाउस और होटल संचालक अब लगातार लड्डू की मांग कर रहे हैं। कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर व्यावसायिक तौर पर सत्तू के लड्डू मार्केट में उतारने के लिए फूड लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी कर रहा है। यह लड्डू सीमा पर तैनात जवानों और कामगारों को भी उपलब्ध करवाए जाने का प्रस्ताव है।

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