Digital Arrest: पत्नी-बेटी व दामाद की सूझबूझ ने बचाई बची हुई संपत्ति, 13 लाख और ट्रांसफर करने वाला था पूर्व सैन्य अधिकारी
सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी साइबर अपराधियों के जाल में फंसकर 61.29 लाख रुपये गंवा बैठे। ठगों ने ईडी और सीबीआई अधिकारी बनकर उन्हें धोखा दिया। ऑस्ट्रेलिया में रहने वाली बेटी और दामाद के हस्तक्षेप से पूरी संपत्ति बच पाई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सैन्य अधिकारी के साथ बहुत बड़ी ठगी की गई उसे मानसिक रूप से परेशान किया गया।

जागरण संवाददाता, मंडी। जिसने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में लगा दिया और कभी हार नहीं मानी, वह सेवानिवृत्त के बाद साइबर अपराधियों के निशाने पर आकर हार गया। ऊना जिले के एक पूर्व सैन्य अधिकारी को ठगों ने अपने सुनियोजित जाल में फंसा 61.29 लाख रुपये ठग लिए। इतना पैसा ठगने के बाद भी शातिरों का लालच खत्म नहीं हुआ। उन्होंने पूर्व सैन्य अधिकारी से 13 लाख रुपये की और मांग की, जिसे अधिकारी जुटाने की कोशिश में लगा हुआ था।
शातिरों के लगातार फोन कॉल और एक सप्ताह से पति के बदले व्यवहार से पत्नी को कुछ शक हुआ। ऑस्ट्रेलिया में रहने वाली अपनी बेटी और दामाद को इस बारे में बताया। दामाद व बेटी ने समय पर हस्तक्षेप न किया होता, तो शायद पूरी संपत्ति ठगों के हाथ चली जाती।
अनजान नंबर से आई थी व्हाट्सएप कॉल
पूर्व सैन्य अधिकारी को 22 नवंबर की सुबह फोन पर एक अनजान नंबर से वाट्सएप कॉल आई थी। कॉल करने वाले ने खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का अधिकारी बताया। उसके कुछ ही देर बाद एक अन्य कॉल आई, जिसमें कॉलर ने खुद को सीबीआई का प्रतिनिधि बताया।
दोनों ने एक ही कहानी सुनाई कि मुंबई में एक गिरोह पकड़ा गया है। सैकड़ों फर्जी एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं। उनमें से एक कार्ड उनके नाम और मोबाइल नंबर से जुड़ा है।
यह कार्ड देश-विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल हुआ है। अब उनकी संपत्ति जब्त होने वाली है। ठगों ने एक ऐसा भ्रम पैदा किया कि अधिकारी को अपनी प्रतिष्ठा और छवि पर मंडराते खतरे का डर सताने लगा।
कागज पर लिखकर दे दी जानकारी
शातिरों ने अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर पहले मानसिक रूप से कमजोर किया। तुरंत बैंक खातों और संपत्ति की जानकारी न देने पर उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की बात कही। शातिरों के निर्देशों पर अधिकारी ने कागज पर लिखकर मांगी गई जानकारी दे दी।
पहले दिन 25 लाख रुपये ट्रांसफर किए। चार दिसंबर तक अलग अलग खातों में 61.29 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। उसके बाद 13 लाख रुपये और ट्रांसफर करने की तैयारी में था। पत्नी ने बेटी व दामाद को इस बारे में बताया।
दामाद ने जब अधिकारी से संपर्क किया, तो पहले इसे गोपनीय मामला बताते हुए टालने की कोशिश की। लेकिन दामाद ने विश्वास में लेकर बताया कि वह साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं। तब जाकर कहीं अधिकारी को सच्चाई का पता चला। इसके बाद पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई।
इन बैंकों व खातों में ट्रांसफर हुआ था पैसा
राजस्थान के जयपुर के वैशाली नगर स्थित एचडीएफसी बैंक की शाखा में रोशन यादव के खाते में 5.47 लाख रुपये, एचडीएफसी बैंक की दादर शाखा में इमरान के खाते में 7.13 लाख रुपये ट्रांसफर हुए थे। बंधन बैंक की हैदराबाद शाखा के एक चालू खाते में 15 लाख रुपये ट्रांसफर हुए थे।
यह बैंक खाता केआरएस ग्लोबल इंटरप्राइजिज के नाम पर है। येस बैंक की सागर (मध्य प्रदेश) शाखा में 27 लाख रुपये ट्रांसफर हुए थे। यह चालू खाता इलाइट एक्सपोर्ट इम्पायर प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर है।
राजस्थान के किशनगढ़ में एक्सिस बैंक की शाखा में 6.13 लाख रुपये ट्रांसफर करवाए गए थे। यह चालू खाता नफीश के नाम पर है। सभी बैंकों में राकेश कुमार ने बैंक खाते किराये पर लिए थे।
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