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Mandi News: 500 साल पुराने मंदिर में इस दिन होगी देव बाला कामेश्वर मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा, 28 लाख रुपये आया खर्च

मंडी के सुंदरनगर में करीब 500 साल पहले बने देव बाला कामेश्वर की छह फीट की मूर्ति चतुर्थ नवरात्र को प्रतिष्ठापित होगी। करीब 28 लाख रुपये से तैयार इस मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए मंदिर प्रबंधन समिति ने खर्च किया है। मंदिर के चारों ओर लकड़ी के 400 स्लीपर से 21 खंभे लगाए गए हैं। नक्काशी में विभिन्न देवी-देवताओं की छवि के साथ फूल मालाओं को भी तराशा गया है।

By Surinder Sharma Edited By: Deepak Saxena Published: Tue, 09 Apr 2024 07:39 PM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2024 07:39 PM (IST)
500 साल पुराने मंदिर में इस दिन होगी देव बाला कामेश्वर मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा।

कुलभूषण चब्बा, सुंदरनगर। अयोध्या में श्री रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंडी जिले के सुंदरनगर में करीब 500 वर्ष पहले बने मंदिर में देव बाला कामेश्वर की लकड़ी से निर्मित करीब छह फीट की मूर्ति प्रतिष्ठापित होगी। चतुर्थ नवरात्र को मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। उपमंडल के भेच्छणा गांव स्थित ऐतिहासिक मंदिर में देव बाला कामेश्वर की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मंदिर समिति के लोगों को निमंत्रण दिया जा रहा है।

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करीब 28 लाख रुपये से तैयार इस मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा किसी सरकारी अथवा गैर सरकारी संस्था से कोई पैसा नहीं लिया गया है। मंदिर समिति ने ग्रामीणों के सहयोग से अपने स्तर पर करीब आठ माह में मंदिर का निर्माण कार्य करवाया है। समिति के पदाधिकारियों की मानें तो प्रदेश के किसी भी मंदिर में लकड़ी की मूर्ति वाला यह पहला मंदिर है। मंदिर के चारों ओर लकड़ी के 400 स्लीपर से 21 खंभे लगाए गए हैं जो मंदिर की सुंदरता को और अधिक निखार रहे हैं।

सराज के कारीगरों ने की नक्काशी

मंदिर की छत, भीतरी कक्ष और लकड़ी के सभी खंभों पर नक्काशी का कार्य सराज क्षेत्र के कारीगरों ने द्वारा किया गया है। नक्काशी में विभिन्न देवी-देवताओं की छवि के साथ फूल मालाओं को भी तराशा गया है।

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10 धार्मिक स्थलों के बीच स्थापित है मंदिर

देव कमरुनाग के सबसे छोटी सातवीं संतान देव बाला कामेश्वर का प्राचीन मंदिर 10 धार्मिक स्थलों के बीच स्थित है। इसके चारों ओर मुरारी माता, शीतला माता, श्री महामाया, काली माता, हाटेश्वरी माता, द्रौड़ाधार, श्री बाड़ा देव, हनुमान मंदिर, सूर्य नारायण मंदिर और सूरज कुंड प्रमुख धार्मिक स्थान हैं।

देव बाला कामेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के प्रधान दीप कुमार ठाकुर ने कहा कि 500 वर्ष पुराने देव बाला कामेश्वर मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। 12 अप्रैल को चैत्र मास के चौथे नवरात्र पर मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

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