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2030 तक सभी वाहन होंगे विद्युत ऊर्जा चालित : झुनझुनवाला

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी में छठे दीक्षांत समारोह में पदमश्री प्रो. अशोक झुनझुनवाला ने बीटेक की विद्यार्थी रही मूथियन नेहा व सिद्धात कुमार को संयुक्त रूप से राष्ट्रपति स्वर्ण पदक प्रदान किया। कंप्यूटर साइंस इंजीनिय¨रग के छात्र रहे पटले सरवण राज नारायण, इलेक्ट्रिकल इंजीनिय¨रग के पुलकित राजगढि़या व मैकेनिकल इंजीनिय¨रग के आकाशदीप को इंस्टीट्यूट सिल्वर मेडल से सम्मानित किया गया। रानी गोंजाल्विस मेमोरियल पदक मुथियन नेहा को ही मिला। शैक्षणिक गतिविधियों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 07:48 PM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 07:48 PM (IST)
2030 तक सभी वाहन होंगे विद्युत ऊर्जा चालित : झुनझुनवाला
2030 तक सभी वाहन होंगे विद्युत ऊर्जा चालित : झुनझुनवाला

संवाद सहयोगी, मंडी : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी में छठे दीक्षांत समारोह में पदमश्री प्रो. अशोक झुनझुनवाला ने बीटेक की विद्यार्थी रही मूथियन नेहा व सिद्धात कुमार को संयुक्त रूप से राष्ट्रपति स्वर्ण पदक प्रदान किया। कंप्यूटर साइंस इंजीनिय¨रग के छात्र रहे सरवण राज नारायण, इलेक्ट्रिकल इंजीनिय¨रग के पुलकित राजगढि़या व मेकैनिकल इंजीनिय¨रग के आकाशदीप को इंस्टीट्यूट सिल्वर मेडल से सम्मानित किया गया। रानी गोंजाल्विस मेमोरियल पदक मुथियन नेहा को ही मिला। शैक्षणिक गतिविधियों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए एमएससी केमिस्ट्री के विद्यार्थी रहे निशांत धीमान व एमएससी अप्लाइड मैथेमेटिक्स के भीष्मदेव वर्मा को अवार्ड प्रदान किया। कुल 211 विद्यार्थियों डिग्री प्रदान की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उल्लेख किया है कि सबसे नए आइआइटी में से एक होने के बावजूद आइआइटी मंडी उच्च कोटि का संस्थान बन कर उभरा है। मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रो. अशोक झुनझुनवाला, इंस्टीट्यूट प्रोफेसर, आइआइटी मद्रास ने कहा कि देश और दुनिया में अक्षय ऊर्जा को ऊर्जा का सबसे महत्वपूर्ण स्त्रोत बनाने के लिए ऊर्जा भंडारण के क्षेत्र में बहुत काम करना होगा। हमारे विद्यार्थी फॉसिल फ्री फ्यूचर (जीवाष्म ईधन मुक्त) की कल्पना करें क्योंकि धरती पर जीवन सुरक्षित रखने का प्राय: एकमात्र यही सबसे अहम उपाय है। लगभग 2030 तक भारत के सभी वाहन विद्युत ऊर्जा चालित हो जाएंगे।

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आइआइटी मंडी के निदेशक प्रो. टिमथी ए. गोंजाल्विस ने सालाना रिपोर्ट पढ़ते हुए संस्थान की उपलब्धियों को प्रस्तुत किया। दीक्षा समारोह के दौरान सोनम वांगचुक को हिमालय क्षेत्र के प्रसिद्ध प्रौद्योगिकी वैज्ञानिक 2018 के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनिय¨रग की नेहा मुथियन ने कहा, हमारे सीनियर बैच, शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ हमारे बैच के विद्यार्थियों ने संस्थान के विकास में सहायक अहम भूमिका निभाई। आगामी बैच से मेरी अपील है कि यह परिवेश बनाए रखें और इसे बेहतर बनाने में भी योगदान दें।

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वर्तमान शिक्षा प्रणाली से बढ़ रही बेरोजगारों की फौज : सोनम वांगचुक

जागरण संवाददाता, मंडी : हिमालय क्षेत्र के लोगों को आज भी अनेक समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है। आजादी के 71 साल बाद भी समस्याओं का पूरी तरह से निराकरण नहीं हो पाया है। भावी इंजीनियरों को इन समस्याओं के समाधान के लिए अधिक से अधिक शोध करना चाहिए। शैक्षणिक और सांस्कृतिक आंदोलन के संस्थापक लद्दाखी इंजीनियर सोनम वांगचुक ने यह बात कही। उन्होंने कहा हमारी शिक्षा प्रणाली में कहीं न कहीं चूक है, इसलिए पढ़े-लिखे लोगों की लंबी चौड़ी फौज खड़ी होती जा रही है। आज की शिक्षा मुसीबतों में मुस्कुराने का पाठ नहीं पढ़ाती है। बकौल सोनम वांगचुक, ग्रे¨डग व मौजूदा चयन प्रक्रिया भी युवाओं के आगे बढ़ने में बाधक है। युवा का सबसे अधिक झुकाव जिस विषय की ओर है। इसे उसी विषय में आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए।


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