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    93 साल बाद भी ब्राडगेज नहीं हुआ पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेलवे ट्रैक

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 20 Oct 2021 11:55 PM (IST)

    केंद्रीय रेल मंत्री के हवाई सर्वेक्षण के बाद भी पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेल ट्रैक ब्राडगेज नहीं हो पाया है।

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    93 साल बाद भी ब्राडगेज नहीं हुआ पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेलवे ट्रैक

    राजेश शर्मा, जोगेंद्रनगर

    केंद्रीय रेल मंत्री के हवाई सर्वेक्षण के बाद भी पठानकोट-जोगेंद्रनगर नैरोगेज रेलवे ट्रैक ब्राडगेज नहीं हो पाया है। रेललाइन का लेह तक विस्तार करने की योजना लंबे अरसे के बाद भी एक इंच आगे नहीं बढ़ पाई है। करीब 93 साल पुराने नैरोगेज रेलवे ट्रैक का निर्माण आजादी से पूर्व 1928 में ब्रिटिश शासक कर्नल बैटी ने किया था।

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    रेलवे ट्रैक को ब्राडगेज करने के लिए सर्वेक्षण भी हुआ था। तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ हवाई सर्वेक्षण कर ब्राडगेज की औपचारिकताओं को पूरा करने में दिलचस्पी दिखाते हुए नई रेललाइन बिछाने के सपने दिखाए थे। रेलवे विभाग की नीति और निर्माण को लेकर ढुलमुल रवैये के कारण मामला अभी औपचारिकताओं की फाइलों में उलझा हुआ है। देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पठानकोट-लेह मार्ग सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है जिस पर भारतीय सेना की हजारों गाड़ियां सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात सैनिकों की रसद लेकर जाती हैं। जोगेंद्रनगर से मंडी तक 48 किलोमीटर नई ब्राडगेज रेललाइन बिछाई जानी थी। उसके बाद मंडी से कुल्लू, मनाली होते हुए लेह-लद्दाख तक रेलवे ट्रैक का विस्तार होना था।

    पठानकोट-जोगेंद्रनगर हेरिटेज रेलवे ट्रैक को लेह तक ब्राडगेज करने का ड्रीम प्रोजेक्ट पूर्व सांसद रामस्वरूप शर्मा का था। उन्होंने अपने वरिष्ठ सहयोगी तत्कालीन सांसद शांता कुमार के साथ लोकसभा में भी इस मामले को कई बार प्राथमिकता से उठाया था। पठानकोट से लेह तक 400 किलोमीटर नई रेललाइन बिछाने की योजना है। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेलवे लाइन के बरसात के समय क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद मौजूदा समय में ज्वालाजी रेलवे स्टेशन तक ही रेलगाड़ी आवागमन कर रही है। बीते पांच माह से जोगेंद्रनगर रेलवे स्टेशन में रेलगाड़ी नहीं पहुंच पाई है।

    पठानकोट-जोगेंद्रनगर नैरोगेज रेललाइन को ब्राडगेज का दर्जा दिलाने के लिए पूर्व सांसद रामस्वरूप शर्मा ने लोकसभा में आवाज बुलंद की थी। इसके बाद सर्वेक्षण का कार्य शुरू हुआ। ऐतिहासिक रेललाइन के सुंदरीकरण पर भी करोड़ों रुपये खर्च हुए लेकिन इसे ब्राडगेज करने की कवायद अधर में है।

    जोगिद्र पांडे, पूर्व मनोनीत पार्षद, नगर परिषद जोगेंद्रनगर सामरिक दृष्टि से अहम पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेललाइन के ब्राडगेज होने से पर्यटन को भी पंख लगेंगे। कारोबार में भी बढ़ोतरी होगी और सात घंटे का सफर भी साढ़े चार घंटे में पूरा हो जाएगा। सर्वेक्षण का कार्य अगर पूरा हो चुका है तो केंद्रीय रेलवे विभाग को निर्माण कार्य जल्द शुरू कर देना चाहिए।

    -अजय धरवाल, अध्यक्ष, व्यापार मंडल जोगेंद्रनगर। प्रदेश और केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बाद भी पठानकोट-जोगेंद्रनगर नैरोगेज रेलवे ट्रैक को ब्राडगेज का दर्जा न मिल पाना दुर्भाग्यपूर्ण है। केंद्रीय रेल मंत्री के हवाई सर्वेक्षण और सर्वे के बाद भी रेललाइन का एक इंच न बढ़ पाना सरकार और रेलवे विभाग की नाकामी है। केंद्र में कांग्रेस के सत्तासीन होते ही पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेललाइन को ब्राडगेज करने की मांग की जाएगी।

    -सुरेंद्र पाल, पूर्व विधायक जोगेंद्रनगर रेललाइन का लेह तक विस्तारीकरण सैन्य दृष्टि से अहम है। इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए केंद्रीय मंत्री ने हवाई सर्वेक्षण कर संभावनाएं जांची। पठानकोट से जोगेंद्रनगर तक ट्रैक ब्राडगेज करने के लिए नई रेललाइन बिछाने की योजना सराहनीय है लेकिन यह निर्माण कार्य जल्द शुरू हो जाना चाहिए।

    ओम मरवाह, वरिष्ठ नागरिक, जोगेंद्रनगर। वर्ष 1928 में बिछी पठानकोट-जोगेंद्रनगर नैरोगेज रेललाइन को 93 साल बीत जाने के बाद ब्राडगेज का दर्जा न मिल पाना गंभीर विषय है। केंद्र सरकार और रेलवे विभाग को इस मामले में जल्द निर्णय लेकर निर्माण कार्य शुरू करना चाहिए ताकि प्रदेश में पर्यटन को पंख लग सकें।

    -राम लाल वालिया, पूर्व सचिव, रोटरी क्लब जोगेंद्रनगर।

    जोगेंद्रनगर रेललाइन के ब्राडगेज और विस्तारीकरण का मामला मुख्यमंत्री के समक्ष फिर प्राथमिकता से उठाया जाएगा ताकि कार्य शुरू हो सके। पूर्व सांसद रामस्वरूप शर्मा के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को साकार करने के लिए भाजपा सरकार के शीर्ष नेतृत्व से भी पत्राचार करूंगा।

    प्रकाश राणा, विधायक जोगेंद्रनगर।