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    मंडी में भाजपा के भीतर राजनीतिक हलचल तेज, विधायक की पार्टी बैठकों में अनदेखी तो सीएम के कार्यक्रम का न्योता

    By HANS RAJ SAINIEdited By: Rajesh Sharma
    Updated: Thu, 13 Nov 2025 02:09 PM (IST)

    मंडी में भाजपा के अंदर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। विधायक को पार्टी के कार्यक्रमों में अनदेखा किए जाने से उनके समर्थक नाराज हैं। कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ रहा है क्योंकि उन्हें लग रहा है कि उनके नेता को सम्मान नहीं मिल रहा है। इस अनदेखी से पार्टी में गुटबाजी बढ़ने की आशंका है।

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    मंडी से भाजपा विधायक अनिल शर्मा। जागरण आर्काइव

    हंसराज सैनी, मंडी। जिला मंडी में भाजपा के भीतर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पूर्व मंत्री एवं सदर के विधायक अनिल शर्मा की लगातार हो रही अनदेखी अब पार्टी के लिए सिरदर्द बन सकती है। मंडी, जो पारंपरिक रूप से भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता है, वहां संगठन में बढ़ती गुटबाजी और आपसी मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं।

    पार्टी के कई कार्यक्रमों और बैठकों में अनिल शर्मा जैसे वरिष्ठ नेता को नजरअंदाज किया जा रहा है। यह रवैया न केवल स्थानीय कार्यकर्ताओं के मन में असंतोष पैदा कर रहा है, बल्कि आने वाले चुनाव में पार्टी की संभावनाओं को भी प्रभावित कर सकता है।

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    संगठन व नेताओं के कार्यक्रमों की नहीं दी जा रही जानकारी

    हाल ही में जिलास्तर पर आयोजित कई बैठकों और कार्यक्रमों की जानकारी अनिल शर्मा को नहीं दी गई। उनके समर्थकों को भी कार्यक्रमों से दूर रखा गया, जिससे जमीनी स्तर पर नाराजगी बढ़ रही है। तीन दिन पहले मंडी में आयोजित भाजपा महिला मोर्चा के कार्यक्रम और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की पत्रकार वार्ता की जानकारी भी अनिल शर्मा को नहीं दी गई, जबकि वह मंडी में मौजूद थे। कार्यकर्ताओं का कहना है कि संगठन का यह रवैया वरिष्ठ नेताओं को किनारे करने की ओर इशारा करता है, जो पार्टी एकजुटता के लिए सही संकेत नहीं है।

    जिला में भाजपा के पास एकमात्र ब्राह्मण चेहरा

    जिला में भाजपा के पास फिलहाल अनिल शर्मा ही एक सशक्त ब्राह्मण चेहरा हैं, जिनकी पकड़ ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में बराबर है। उनका ब्राह्मण समाज में विशेष प्रभाव है, जिसने 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मजबूत स्थिति में पहुंचाया था। अब उनकी अनदेखी से इस समुदाय में असंतोष पनपने की संभावना है, जो भविष्य में भाजपा के वोट बैंक को नुकसान पहुंचा सकती है।

    जिला अध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर उठने लगे सवाल

    भाजपा के जिला अध्यक्ष की कार्यशैली को लेकर भी पार्टी कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं के बीच असंतोष पनप रहा है। कई नेताओं का कहना है कि अध्यक्ष संगठन में समन्वय की जगह गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे हैं और फैसले कुछ चुनिंदा लोगों की राय पर लिए जा रहे हैं। इससे पार्टी का संगठनात्मक ढांचा कमजोर हो रहा है और समर्पित कार्यकर्ताओं का मनोबल गिर रहा है।

    कुछ पदाधिकारी व कार्यकर्ता कर रहे गुमराह

    भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कुछ पदाधिकारी और कार्यकर्ता शीर्ष नेतृत्व को गलत जानकारियां देकर गुमराह कर रहे हैं। यह लोग व्यक्तिगत हित साधने में लगे हैं, जबकि समर्पित और जमीनी कार्यकर्ता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। 

    सीएम के कार्यक्रम में मौजूदगी भी नहीं आ रही रास

    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के हाल ही में नेरचौक मेडिकल कालेज और पड्डल मैदान में आयोजित कार्यक्रमों में अनिल शर्मा की उपस्थिति भी कुछ भाजपा नेताओं को रास नहीं आ रही है। हालांकि अनिल शर्मा और मुख्यमंत्री सुक्खू के बीच पुराने पारिवारिक संबंध हैं, लेकिन संगठन में कुछ नेता इसे राजनीतिक दृष्टि से देख रहे हैं।

    राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर भाजपा ने समय रहते इस अंदरूनी खींचतान पर ध्यान नहीं दिया, तो मंडी में पार्टी को भारी राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

    सीएम के कार्यक्रम का एसडीएम के माध्यम से न्योता मिला था, जबकि भाजपा की बैठकों की कोई जानकारी नहीं मिली।
    -अनिल शर्मा, विधायक, मंडी।

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