रील के लिए अपनी ही नहीं औरों की जिंदगी भी दांव पर लगा रहे बाइकर्स, मंडी में हाईवे सहित शहर के इन प्वाइंट्स पर रफ्तार का कहर
मंडी में रील बनाने के चक्कर में बाइकर्स अपनी और दूसरों की जान खतरे में डाल रहे हैं। कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर तेज गति से बाइक चलाना आम बात हो गई है। ब्यास पुल पर स्टंट और मलौरी टनल में रील बनाने का क्रेज बढ़ रहा है। गति सीमा का उल्लंघन हो रहा है। पुलिस जागरूकता अभियान चलाने की योजना बना रही है ताकि 'Road Safety' सुनिश्चित की जा सके।

मंडी शहर व हाईवे पर बाइकर्स रील के चक्कर में स्टंट कर रहे हैं। प्रतीकात्मक फोटो
जागरण संवाददाता, मंडी। रील के चक्कर में बाइकर्स अपनी ही नहीं औरों की जिंदगी भी खतरे में डाल रहे हैं। देर रात तक रफ्तार का कहर चल रहा है। हिमाचल प्रदेश के शहरों में इस तरह के मामले आम हो चले हैं।
मंडी में युवक की मौत उठा रही सवाल
मंडी में रविवार को हुए हादसे में युवक की मौत व्यवस्था पर भी सवाल उठा रही है। कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर बाइकर्स की तेज गति चिंता का विषय बन गई है। मंगवाईं और पुरानी मंडी से गुजरते पठानकोट-मंडी एनएच पर बाइकर्स की गति पर नियंत्रण नहीं है।
शहर में भी रफ्तार
ब्यास नदी पर बने नए पुल पर देर रात तक बाइकर्स स्टंट करते हुए देखे जा सकते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई है। फोरलेन पर रील बनाने का शौक युवाओं में तेजी से बढ़ रहा है। लड़के और लड़कियां दोनों ही अपने दो पहिया वाहनों पर घूमते हुए रील बनाने में व्यस्त रहते हैं।
स्पीड लिमिट का हो रहा उल्लंघन
खासकर मलौरी टनलों के अंदर रील बनाने का क्रेज बढ़ गया है। इस दौरान कई बार नशे की हालत में युवक-युवतियों को देखा गया है। 60 किलोमीटर प्रति घंटा की गति सीमा का उल्लंघन रोजाना हो रहा है, जबकि सीसीटीवी कैमरे केवल चुनिंदा स्थानों पर लगे हैं।
गति का शौकीन अनिकेत बना काल का ग्रास
अनिकेत को भी रील बनाने का शौक था और यही शौक उसकी जिंदगी लील गया। अपनी बाइक में रील बनाने के लिए वह तेज गति से बाइक चलाते हुए अकसर रील बनाता था, लेकिन उसका यही शौक उसकी जिंदगी को खत्म कर गया और परिवार को दे गया न कभी न भूलने वाला गम।
ऑनलाइन ऑर्डर देने वाले भी दौड़ाते हैं तेज बाइक
शहर में आनलाइन खाना या अन्य सामान उपलब्ध करवाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों के दो पहिया वाहनों की रफ्तार भी अधिक रहती है। इनकी शिकायतें भी पुलिस विभाग के पास पहुंचती हैं।
पुलिस स्टाफ कम, कैसे हो गश्त
पुलिस विभाग के पास भी स्टाफ कम है। ऐसे में गश्त बढ़ाने में भी दिक्कत आती है। पुलिस की गाड़ी यूं तो फोरलेन सहित शहर के चक्कर काटती है लेकिन बाइकर्स उसके बाद निकलते हैं।
इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई गई है। जहां-जहां तेज गति से बाइकर्स निकलते हैं, वहां की रिपोर्ट लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
-सचिन हीरेमठ, एएसपी मंडी।
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