Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब सड़क पर नहीं फेंकना पड़ेगा आलू, विशेषज्ञ बताएंगे कितना उगाएं; क्या रहेगा मार्केट का रुख

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Wed, 14 Nov 2018 05:51 PM (IST)

    अब किसानों को आलू सड़क पर नहीं फेंकना पड़ेगा। आलू का भंडारण कहां और कैसे किया जा सकता है। समय-समय पर एप पर यह जानकारी भी उपलब्ध रहेगी।

    अब सड़क पर नहीं फेंकना पड़ेगा आलू, विशेषज्ञ बताएंगे कितना उगाएं; क्या रहेगा मार्केट का रुख

    मंडी, हंसराज सैनी। अब उत्तर प्रदेश व पंजाब के किसानों को आलू सड़क पर नहीं फेंकना पड़ेगा। आलू कितना उगाएं? कौन सी किस्म उत्तम है? बाजार का रुख क्या रहेगा? भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी का फार्मर जोन दोनों राज्यों के किसानों को घर बैठे एप व वेबसाइट के माध्यम से हर तरह की जानकारी देगा। केंद्रीय जैव प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आइआइटी मंडी को पांच माह पहले करीब 9.47 करोड़ का प्रोजेक्ट सौंपा था। आइआइटी के विशेषज्ञों ने केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान शिमला के साथ मिलकर फार्मर जोन एप तैयार किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस एप पर प्रथम चरण में आलू से संबंधित हर जानकारी उपलब्ध रहेगी। आलू बिजाई के लिए खेत में कितनी नमी व उर्वरक हैं। किस किस्म के बीज की बिजाई करना उचित रहेगा। दवाई का छिड़काव कब करना है। अगर फसल को कोई बीमारी लगती है तो उसका तुंरत कैसे पता लगाया जा सकता है और क्या उपचार करना है। हर जानकारी एप व वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगी। फार्मर जोन इसके अलावा गन्ना, चावल व सेब उत्पादक किसानों व बागबानों को भी जल्द जानकारी उपलब्ध करवाएगा।

    जानी किसानों की समस्याएं 

    आलू उत्पादकों की प्रमुख समस्याएं क्या हैं? इस पर भी आइआइटी के विशेषज्ञों ने बीते दिनों उत्तर प्रदेश के मोदीपुरम में आलू उत्पादक किसानों व विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से बैठक की थी। दोनों राज्यों के किसानों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या कोल्ड स्टोर का अभाव है। बाजार में उचित दाम न मिलने से किसानों को कई बार आलू सड़क पर फेंकना पड़ता है। आर्थिक नुकसान होने से कई किसान कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं।

    एक हजार किसानों का पंजीकरण

    आइआइटी ने दोनों राज्यों के करीब 1000 किसानों का पंजीकरण किया है। दोनों राज्यों में अपने कई प्रतिनिधि तैनात किए हैं। मार्केट में अगर आलू का भाव कम चल रहा है तो इस स्थिति से कैसे निपटा जाएगा।

    एप पर मिलेगी जानकारी

    आलू का भंडारण कहां और कैसे किया जा सकता है। समय-समय पर एप पर यह जानकारी भी उपलब्ध रहेगी। एप में जानकारी अभी अंग्रेजी में उपलब्ध है। जल्द ही पंजाबी व ङ्क्षिहदी में भी जानकारी मिलेगी। एप गूगल प्ले स्टोर पर जाकर डाउनलोड किया जा सकता है।

    केंद्रीय जैव प्रौद्योगिकी मंत्रालय की सहायता से आइआइटी मंडी में फार्मर जोन स्थापित किया गया है। पांच माह के शोध के बाद प्रथम चरण में आलू उत्पादक किसानों की समस्याओं का समाधान करने का खाका तैयार किया गया है। इसके लिए एक एप तैयार किया गया है। इसमें हर प्रकार की जानकारी किसानों को घर बैठे मिलेगी।

    -डॉ. श्रीकांत श्रीनिवासन, फार्मर जोन प्रभारी, आइआइटी मंडी।