Move to Jagran APP

आग की भेंट चढ़ा 300 साल पुराना ये मंदिर, दुर्लभ मूर्तियां भी जलीं

मंडी में काष्ठकुणी शैली से निर्मित 300 साल पुराना मंदिर जलकर राख हो गया इसस करीब 30 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 07:42 AM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 07:42 AM (IST)
आग की भेंट चढ़ा 300 साल पुराना ये मंदिर, दुर्लभ मूर्तियां भी जलीं
आग की भेंट चढ़ा 300 साल पुराना ये मंदिर, दुर्लभ मूर्तियां भी जलीं

मंडी, जेएनएन। बालीचौकी तहसील के दुर्गम सोमगाड़ में शनिवार देर रात देव श्री मतलोड़ा का करीब 300 साल पुराना मंदिर जलकर राख हो गया है। काष्ठकुणी शैली में निर्मित देवता के प्राचीन मंदिर में विद्यमान प्राचीन दुर्लभ मूर्तियां भी आग की भेंट चढ़ गई। अग्निकांड में करीब 30 लाख रुपये के नुकसान का अनुमान है। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।

loksabha election banner

देवता के पुजारी परिवार से संबंधित एवं सराज भाजपा के उपाध्यक्ष इंद्र्र सिंह ने बताया कि शनिवार रात को स्थानीय लोगों ने देव श्री मतलोड़ा मंदिर में आग की लपटें उठती देखी। लोग घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। मंदिर के साथ बहते नाले से पानी लाकर भी आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन प्रचंड लपटों के आगे उनकी यह कोशिश भी नाकाम रही। देवता का मंदिर इस इलाके के गांवों से काफी दूर एक घने जंगल में था। स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर काफी पुराना था। इस मंदिर का आध्यात्मिक महत्व देव श्री मतलोड़ा के चोहठ के बाद दूसरे सबसे प्रमुख मंदिरों में शुमार था। देवता के सेवक धर्मदास ने बताया कि आग से मंदिर में सदियों से स्थापित देवता की पत्थर की मूर्तियां भी नष्ट हो गई हैं। रविवार को पुलिस टीम ने राजस्व विभाग की टीम के साथ घटनास्थल का दौरा किया और आसपास के लोगों से पूछताछ की। तहसीलदार हरिचंद नलवा ने बताया कि नुकसान का आकलन करने के लिए हल्का पटवारी को निर्देश दिए गए हैं।

कार्तिक पूजा करवाना चुनौती

देव श्री मतलोड़ा प्राचीन मंदिर में कर्तिक मास में देवता के होम (जगराते) का आयोजन किया जाता है। इस दौरान स्थानीय लोग बच्चों का मुंडन संस्कार करवाते है। देव मतलोड़ा के कारकूनों का कहना है कि चूंकि अब कार्तिक पूजा को मात्र एक माह बचा है। ऐसे में इस स्थान पर इस बार व्यवस्थाएं किस प्रकार से होगी, इसे लेकर वे लोग चिंतित हैं। चूंकि कार्तिक मास में इस स्थान का तापमान शून्य डिग्री पर पहुंच जाता है। इसलिए खुले मैदान में जागरण और मुंडन की रस्म अदायगी देव समाज के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाली है।

इस राज्य में अब नि:शुल्क होगा किडनी ट्रांसप्लांट, इलाज का खर्चा भी देगी सरकार

अच्छी खबर! अब हिंदी, अंग्रेजी और गुजराती भाषा का हो सकेगा ब्रेल में अनुवाद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.