हिमाचल में 100 साल की दुर्गी देवी ने आज तक नहीं खाई दवा, बताया क्या है हेल्दी लाइफ का राज
हिमाचल प्रदेश की दुर्गी देवी 100 साल की हो गई हैं। उन्होंने कभी दवा का सेवन नहीं किया। वह प्राकृतिक जीवनशैली, पौष्टिक भोजन और खुशहाल जीवन को स्वस्थ रहने का आधार मानती हैं। उनका कहना है कि सकारात्मक सोच और सक्रिय जीवनशैली ही लंबी उम्र का राज है।

जोगेंद्रनगर उपमंडल के गरोडू निवासी 100 वर्षीय दुर्गी देवी परिवार के साथ l सौ. स्वजन
जागरण संवाददाता, मंडी। उम्र का एक ऐसा पड़ाव आता है जब जीवन दूसरों पर आश्रित हो जाता है लेकिन जोगेंद्रनगर उपमंडल के गरोडू की दुर्गी देवी आज भी बिना किसी सहारे के रोजाना चार किलोमीटर पैदल चलती हैं। यह सिलसिला आज नहीं बल्कि लंबे समय से जा रही है। जिंदगी के 100 बसंत देख चुकी दुर्गी देवी का स्वजन ने जन्मतिथि मनाई तो उनकी आंखों में वहीं जोश दौड़ता हुआ नजर आया।
वह बताती हैं कि स्वजन से मिला भरपूर प्यार ही उनको चलने की ताकत दे रहा है। शायद यही वजह है कि उन्हें कभी दवा की जरूरत नहीं पड़ी और न ही खाई। उनकी दिनचर्या में कोई बदलाव नहीं आया है।
उन्होंने सादा भोजन ही खाया है और परिवार के साथ हमेशा हंसना बात करना उनको अच्छा लगता है। बुधवार को दुर्गी देवी स्वजन ने उनकी 100वीं जन्मतिथि पर गांव में धाम का आयोजन किया। 22 अक्टूबर, 1925 को जन्मी दुर्गी देवी पत्नी स्व. चांगू राम अपने परिवार के साथ स्वस्थ जीवन जी रही हैं।
64 साल के हैं बड़े बेटे
परिवार की तीन पीढ़ियां उनकी जन्मतिथि पर गरोडू में एकत्रित हुई। दुर्गी देवी के बड़े बेटे नागपाल अत्री 64 वर्ष के हैं, दूसरे बेटे गोविंद राम 61 और सबसे छोटे इंद्र 58 वर्ष के। उनके पोते शुभम अत्री ने बताया कि दादी पूरी तरह स्वस्थ हैं। न उनको आज तक बोलने, सुनने और देखने में कोई दिक्कत है।
सनातनी जीवन जीतीं हैं दादी
चश्मा भी कभी नहीं पहना। दादी सनातनी जीवन व्यतीत करती हैं। उनकी सोच और प्यार भावना ने ही पूरे परिवार को बेहतर आदर्श दिए हैं। परिवार आज एकजुट होकर रहता है। दादी हमेशा लोगों की मदद के लिए भी आगे रहती थीं और आज भी जब कोई उनसे कोई मदद मांगे तो कभी इंकार नहीं करती हैं।
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