हींग की खेती के लिए कैसी होनी चाहिए जमीन और तापमान? हिमाचल के तोग चंद का कमाल, बीज तैयार करने वाले बने पहले किसान
लाहौल घाटी के किसान तोग चंद ठाकुर ने हींग और इसका बीज तैयार किया है जिससे वह देश के पहले किसान बन गए हैं। सीएसआइआर आइएचबीटी पालमपुर ने उन्हें सम्मानित किया। हिमाचल प्रदेश की जलवायु हींग के पौधे के लिए बेहतर है। तोग चंद की मेहनत से लाहौल घाटी में हींग की खेती किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करेगी।

जसवंत ठाकुर, मनाली। लाहौल घाटी के सलग्रां के किसान तोग चंद ठाकुर ने हींग व इसका बीज तैयार किया है। हींग का बीज तैयार करने वाले वह देश के पहले किसान बने हैं।
सीएसआइआर आइएचबीटी पालमपुर ने तोग चंद ठाकुर को सम्मानित किया है। हींग के पौधे के लिए हिमाचल प्रदेश की लाहुल घाटी की ठंडी और शुष्क जलवायु बेहतर पाई गई है।
सीएसआइआर आइएचबीटी पालमपुर के विज्ञानियों के मुताबिक भारत में हींग की खेती एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिससे किसानों को आर्थिक रूप से लाभ हो सकता है।
भारत में पैदा हींग के बीज अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में हींग की खेती के लिए ज्यादा उपयुक्त हैं क्योंकि इनकी उत्पति देश की जलवायु के अनुरूप हुई है। तोग चंद की मेहनत व लगन से अब साफ हो गया है कि लाहुल घाटी में आलू, कुठ, मटर, हाप्स, ब्रोकली और अन्य नकदी फसलों के साथ हींग भी किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करेगा।
लाहौल में तैयार हुआ हींग व बीज
हींग एक अत्यंत उपयोगी औषधीय मसाला है। तोग चंद ठाकुर देश के पहले किसान बन गए हैं जिन्होंने सीएसआइआर आइएचबीटी की ओर से विकसित हींग के पौधों को सफलतापूर्वक उगाया और उससे बीज भी तैयार किया। हमारी टीम ने खेतों का निरीक्षण कर उनकी मेहनत, तकनीकी समझ और समर्पण की सराहना की। यह उपलब्धि देश के लिए महत्वपूर्ण है। तोग चंद ठाकुर की यह सफलता देश को हींग उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकती है।
-सुदेश कुमार यादव, निदेशक, सीएसआइआर
हींग की खेती कहां हो सकती है?
हींग की खेती के लिए तापमान 20 से 25 डिग्री सेल्सियस तथा मिट्टी सूखी, रेतीली और अच्छी जल निकासी वाली चाहिए। पौधे की अवधि पांच साल होती है।
हींग की खेती के लिए सबसे बड़ी चुनौती पौधे को तैयार करना है। बड़े पैमाने पर हींग बीज उत्पादन होने से हमारा देश इस चुनौती का आसानी से सामना कर सकता है।
देश में हींग का आयात मूल्य आठ हजार रुपये प्रति किलो के दर पर किया जाता है। भारत में हींग की खपत सालाना 1500 टन है। भारत में हींग का आयात मुख्य रूप से अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान और ईरान से होता है।
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