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    मनाली में 24 राज्यों का महासम्मेलन, राजस्व कार्यों में आधुनिक तकनीकों के उपयोग से कैसे आएगी क्रांति?

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 06:05 PM (IST)

    मनाली में 24 राज्यों के प्रतिनिधियों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य राजस्व कार्यों में आधुनिक तकनीकों का उपयोग करना है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। हिमाचल प्रदेश में भूमि रिकॉर्ड को आधुनिक बनाने और ऑनलाइन सेवाओं को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है। 

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    राजस्व कार्यों में तेजी लाने को लेकर मनाली में जुटे 24 राज्यों के प्रतिनिधि (फोटो: जागरण)

    जागरण टीम, मनाली/पत्लीकुहल। देश में भू प्रशासन में आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाली के 15 मील में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हुआ। सम्मेलन का शुभारंभ प्रदेश के राजस्व मंत्री, जगत सिंह नेगी ने किया।

    इस सम्मेलन में भारत के 24 राज्यों के 72 प्रतिनिधि भाग ले रहे है। हिमाचल सरकार की ओर से भी प्रतिनिधि इसमें शामिल हुए हैं। दो दिनों तक देशभर के 24 राज्यों के राजस्व विभाग के अधिकारी कार्यशाला में आधुनिक तकनीक का भारत मे भूमि प्रशासन में कैसे इस्तेमाल करें इस पर मंथन करेंगे।

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    सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए राजस्व मंत्री जगत नेगी ने कहा कि इस सम्मेलन में सभी राज्यों के प्रतिनिधि आपस में चर्चा करेंगे कि किस तरह से राजस्व कार्यो में तेजी लाई जा सके और इसे जनता के लिए सुविधाजनक बनाया जा सके।

    उन्होंने बताया कि हिमाचल में भी नक्शा, जमाबंदी, मैपिंग जैसे कार्यों के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा और प्रदेश में लैंड रिवेन्यू को बेहतर बनाया जाएगा। राजस्व मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सेटलमेंट के कार्यों को भी अब आधुनिक तरीके से किया जा रहा है।

    पहले इसे जरीब के माध्यम से किया जाता था लेकिन अब इसमें ड्रोन की भी मदद ली जा रही है। ताकि लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। राजस्व संबंधित सभी कार्यों को ऑनलाइन तथा पेपर लेस करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।कार्यक्रम के दौरान हिमाचल प्रदेश राजस्व विभाग ने 6 E सेवाओं का भी लोकार्पण किया।

    कार्यशाला के आयोजक डीओएलआर (भूमि संसाधन विभाग) के सचिव मनोज जोशी ने मुख्य अतिथि जगत नेगी का पारंपरिक स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भूमि रिकॉर्ड को आधुनिक बनाने और भूमि सूचना प्रणाली बनाने के लिए राज्यों को मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करने के बेहतर प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण पर बल दिया।

    मनोज जोशी ने कहा कि भूमि विवादों को कम करने के लिए भूमि रिकॉर्ड में सुधार करना बहुत ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में भूमि अभिलेखों के आधुनिकीकरण में राज्य स्तरीय नवाचारों, जैसे वास्तविक समय भू-स्थानिक मानचित्रण, ड्रोन-आधारित सर्वेक्षण, ई-पंजीकरण और ब्लॉकचेन-आधारित शीर्षक सत्यापन पर संवाद को सुविधाजनक बनाना है।

    प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू शुक्रवार को राष्ट्रीय कार्यशाला में भाग लेंगे। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि कार्यशाला का शुभारंभ मुख्यमंत्री ने करना था लेकिन किन्हीं कारणों से वीरवर को मुख्यमंत्री का मनाली दौरा रद्द हो गया।