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    Kullu Dussehra: माता हिडिंबा के रूपी पैलेस में पहुंचते ही छिप जाते हैं राजघराने के लोग, जानिए पूरा मामला

    By Rajesh SharmaEdited By:
    Updated: Mon, 07 Oct 2019 12:44 PM (IST)

    Mata Hidimba move to Kullu Dussehra माता हिडिंबा को छोड़कर घाटी के सभी देवी देवताओं का राज दरबार रूपी पैलेस में स्वागत होता है।

    Kullu Dussehra: माता हिडिंबा के रूपी पैलेस में पहुंचते ही छिप जाते हैं राजघराने के लोग, जानिए पूरा मामला

    मनाली, जेएनएन। कुल्लू राज परिवार की दादी एवं घाटी की आराध्यदेवी माता हिडिंबा आज सुबह अपने सैकड़ों कारकूनों व देवलुओं संग दशहरे में भाग लेने के लिए कुल्लू रवाना हो गई। देव समागम एवं अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक कुल्लू दशहरा माता हिडिंबा के कुल्लू पहुंचने के बाद ही शुरू होगा। सुबह ही माता का प्रांगण देव वाद्य यंत्रों से गूंज उठा। माता हिडिंबा को छोड़कर घाटी के सभी देवी देवताओं का राज दरबार रूपी पैलेस में स्वागत होता है। लेकिन माता हिडिंबा का स्‍वागत नहीं किया जाता, क्‍योंकि उन्‍हें राजघराने की दादी माना जाता है। अपने घर में आने पर उनका स्‍वागत नहीं किया जा सकता, ऐसी मान्‍यता है। घाटी के सैकड़ों देवी-देवताओं में मात्र माता हिडिंबा की पालकी ही राजा के पैलेस में प्राचीन स्थान पर विश्राम करती है।

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    माता के रूपी पैलेस पहुंचते ही राज दरबार के लोग अपने ही घर में छिप जाते हैं। इस मान्यता पर प्रकाश डालते हुए भगवान रघुनाथ के मुख्य सेवक महेश्वर सिंह ने बताया माता हिडिंबा के कारण ही वो यहां हैं। माता के यहां पहुंचते ही वे एक कोने में छिप जाते हैं। माता अपने प्राचीन कमरे में पहुंचकर हमें अंदर बुलाती है और पुरातन बचन पर कायम रहने की बात कर दशहरे के लिए रवाना हो जाती है।

    कल सुबह रामशिला के हुनमान मं‍दिर में होगी विशेष पूजा

    रात्रि ठहराव रामशिला के हनुमान मंदिर में करने के बाद सुबह विशेष पूजा होगी। भगवान रघुनाथ की छड़ी माता हिडिंबा को लेने रामशिला जाएगी। निमंत्रण प्राप्त करने के बाद माता हिडिंबा की पालकी सुल्तानपुर स्थित रूपी पैलेस में प्रवेश करेगी।

    माता हिडिंबा के पहुंचते ही शुरू होगा दशहरा उत्सव

    आराध्यदेवी माता हिडिंबा के कुल्लू पहुंचने पर ही आंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा आरंभ होगा। मंगलवार शाम को रघुनाथ की रथयात्रा के बाद कुल्लू दशहरा का श्री गणेश होगा। एक सप्ताह तक माता हिडिंबा कुल्लू में बैठकर भक्‍तों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद देंगी।