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बर्फ के इस घर में रहने से लेकर खाने-पीने का हर प्रबंध, पर्यटकों को भा रहे मनाली में बनाए इग्‍लू

Igloo in Manali अब पर्यटकों को इग्लू में रहने का मजा लेने के लिए फ़िनलैंड स्विट्ज़रलैंड आइसलैंड नॉर्वे स्वीडन जाने की ज़रूरत नहीं।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 02:37 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 03:12 PM (IST)
बर्फ के इस घर में रहने से लेकर खाने-पीने का हर प्रबंध, पर्यटकों को भा रहे मनाली में बनाए इग्‍लू
बर्फ के इस घर में रहने से लेकर खाने-पीने का हर प्रबंध, पर्यटकों को भा रहे मनाली में बनाए इग्‍लू

मनाली, जसवंत ठाकुर। अब पर्यटकों को इग्लू में रहने का मजा लेने के लिए फ़िनलैंड, स्विट्ज़रलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे, स्वीडन जाने की ज़रूरत नहीं। इग्‍लू में रहने का लुत्‍फ अब आप हिमाचल प्रदेश में भी ले सकते हैं। मनाली के युवाओं ने इग्लू बनाकर न सिर्फ शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा दिया है, बल्कि पर्यटकों को विदेश का अहसास भी अपने देश में ही करवा रहे हैं।

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मनाली के युवा टशी व विकास ने इस साल फिर से पांच इग्लू तैयार दिए हैं, जबकि शेनव व गुलाहटी ने भी तीन इग्लू तैयार किए हैं। टशी और विकास पांच सालों से इग्लू बनाकर सैलानियों को रोमांचित कर रहे हैं। इन दिनों हामटा में बने यह इग्लू सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। विदेश में बनाए इग्लू को टीवी व डाक्यूमेंट्री में देख खुश होते हैं। लेकिन अब हिमाचल घूमने आने वाले सैलानियों को इग्लू में रहने की सुविधा मनाली में भी उपलब्ध हो रही है।

सैलानी हो रहे रोमांचित

साढ़े नौ हजार फीट की ऊंचाई पर बनाए गए इग्लू में रहने के लिए सैलानी काफी रुचि ले रहे हैं। सैलानी रात को रुकने के बजाय दिन में समय व्यतीत करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। कोलकाता से मनाली पहुंचे पर्यटक दीपांकर व निरंजन ने कहा वह ऐसी जगह की तलाश में थे, जहां मन को सुकून मिल सके। टशी व विकास से संपर्क होने पर हमारी सारी इच्छा पूरी हो गईं। आज तक इग्लू के बारे में सुना ही था आज देख भी लिया और रहकर इसका अनुभव भी प्राप्त किया जो आनंद भरा रहा है।

इग्‍लू के अंदर ठहर खुशी हुई दोगुनी

गुजरात के पर्यटक विकास शाह ने बताया पिछले साल इनके दोस्त इग्लू में रहकर गए थे। इग्लू देखने को उत्सुक थे। लेकिन जब इसके अंदर रहने का मौका मिला तो खुशी दोगुनी हो गई। उन्होंने कहा बाहर बहुत ठंड थी लेकिन अंदर तापमान सामान्य मिला व इतनी ठंड नहीं लगी।

इस इग्लू में अरामदायक बिस्तर व खाने की पूरी व्यवस्था है। इन दिनों मनाली आने वाला सैलानी न केबल सफेद पहाड़, स्कीइंग, ठंड और ब़र्फीली खेलों का आनंद उठा सकते हैं। सैलानी हामटा की वादियों में खून जमा देने वाली ठंड के बीच भी बर्फीली वादियों में रह सकते हैं। मनाली आने वाले सैलानी इस ईग्लू में दो महीने तक रहने का आनंद ले सकेंगे।

कैसे हुआ इग्लू का अविष्कार

साइबेरिया, अलास्का और ग्रीनलैंड जैसे ठंडे देशों में रहने वाले एस्कीमो जो शिकार करके अपना जीवन यापन करते थे। वे इग्लू बनाकर ही रहते थे। चूंकि इन बर्फीले रेगिस्तानों में घर बनाने के लिये लकड़ी या अन्य कोई सामान उपलव्ध नहीं था तो एस्कीमो लोगों ने पर्याप्त मात्रा में उपलब्‍ध बर्फ से घर बनाना सीख लिया।

कैसे बनाया जाता है इग्लू

इग्लू पूर्ण रूप से बर्फ से तैयार किया जाता है। बर्फ के ब्लॉक बना कर इन्हें आपस में जोड़ दिया जाता है और फिर अंदर व बाहर से मिट्टी की तरह बर्फ का लेप किया जाता है। ठंड अधिक होने के कारण ये पूरा स्ट्रक्चर जम कर मजबूत चट्टान सा बन जाता है। इग्लू के भीतर जाने के लिए एक छोटा सा संकरा गलीनुमा प्रवेश द्वार रखा जाता है ताकि बाहर की ठंडी हवा अंदर कम से कम जाए।

अंदर का तापमान

हालांकि बर्फ में लगभग 90 प्रतिशत तक हवा हो सकती है। लेकिन ब्लॉक से निर्मित इग्लू जम जाने के बाद इंसुलेटर का काम करता है, जो अंदर की गर्मी को अंदर ही कैद कर लेता है। अंदर रह रहे आदमी के शरीर की गर्मी से अंदर का तापमान बढ़ने लगता है। बताया जाता है की इग्लू के अंदर और बाहर के तापमान में 30 डिग्री से ज्यादा अंतर हो सकता है। यदि बाहर तापमान माइनस 30 डिग्री सेल्सियस है तो अंदर का तापमान 1 से 5 डिग्री सेल्सियस हो सकता है। बाहरी सतह जमी होने के कारण अंदर की सतह भी नहीं पिघलती।

इग्लू और पर्यटन

इग्लू और एस्कीमो में मनुष्य की बढ़ती दिलचस्पी ने इसे कई देशों में विंटर टूरिज्म का एक अहम हिस्सा बना दिया है। फ़िनलैंड, स्विट्ज़रलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे, स्वीडन और कनाडा जैसे देश सर्दियों में इग्लू बनाकर इनमें पर्यटकों को लुत्‍फ उठाने का मौका देते हैं। इसी तर्ज पर मनाली के युवाओं ने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए चार साल पहले प्रयोग के तौर पर पहली बार इग्लू बनाए थे, जो अब यहां के विंटर टूरिज्म का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं।

यूट्यूब पर वीडियो देखकर बनाया इग्‍लू

मनाली के समीप हामटा के सेथन में 9000 फुट की ऊंचाई में सर्दियों में भारी हिमपात होने और तापमान में भारी गिरावट होने से यह इलाका इग्लू बनाने के लिए उपयुक्त था। यूट्यूब पर वीडियो देखकर विकास और टाशी ने इग्लू बनाना सीखा। अपने बहुत से दोस्तों की मदद से पहला इग्लू बनाने में दोनों ने एक हफ्ते का समय लिया था। उनके अनुसार किराया अलग अलग है। 1500 से 3000 तक एक दिन का किराया है जिसमे खेलों का अनुभव प्रदान करना भी शामिल है।

पर्यटकों को क्या सुविधाएं

मनाली में इग्लू के भीतर बर्फ के ही बेड और टेबल बनाए गए हैं। बेड पर गर्म बिस्तर और तकिये दिए जाते हैं। इग्लू में सजावटी लाइट, खाने को तरह तरह के व्यंजन, पर्यटकों  को गर्म स्नो सूट, स्कीइंग, स्नो बोर्डिंग, बॉन फायर जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।


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