Lord Raghunath Ji: नए अनाज पर विराजमान हुए भगवान रघुनाथ जी, धूमधाम से मनाया अन्नकूट पर्व
Lord Raghunath Ji कुल्लू के अधिष्ठाता देवता भगवान रघुनाथजी की नगरी रघुनाथपुर में बुधवार को परंपरागत तरीके से अन्नकूट पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर चावल (नए अनाज) का पर्वत बनाकर उस पर भगवान रघुनाथजी को विराजमान किया गया और उसके बाद विशेष पूजा-अर्चना हुई।

कुल्लू, संवाद सहयोगी। Lord Raghunath Ji, कुल्लू के अधिष्ठाता देवता भगवान रघुनाथजी की नगरी रघुनाथपुर में बुधवार को परंपरागत तरीके से अन्नकूट पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर चावल (नए अनाज) का पर्वत बनाकर उस पर भगवान रघुनाथजी को विराजमान किया गया और उसके बाद विशेष पूजा-अर्चना हुई। भगवान रघुनाथ जी के जयकारों के बीच मंदिर में श्रीराम के भजन-कीर्तन का दौर भी सुबह से लेकर शाम तक लगातार जारी रहा। अन्नकूट पर्व की इस रस्म को निभाने के बाद रघुनाथ जी को पवित्र स्नान करवाया गया और उसके बाद रघुनाथ जी को भोग लगाया गया। इसके पश्चात मंदिर में श्रद्धालुओं क लिए भंडारे का आयोजन हुआ। इस मौके पर घाटी सहित जिलेभर के श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में भगवान रघुनाथ के मंदिर पहुंचकर आशीर्वाद लिया।
गोवर्धन पूजा के नाम से भी जाना जाता है अन्नकूट पर्व
भगवान रघुनाथ जी के मुख्य पुजारी कमल किशोर ने बताया कि रघुनाथ मंदिर में हर साल इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। अन्नकूट पर्व को गोवर्धन पूजा के नाम से भी जाना जाता है। अन्नकूट के दिन हर साल भगवान रघुनाथ जी को नए अनाज का भोग लगाया जाता है। अन्नकूट त्योहार हर वर्ष दिवाली के दूसरे या तीसरे दिन मनाया जाता है, जिसके लिए शास्त्र पद्धति के अनुसार दिन का चयन किया जाता है।
यह कहा महेश्वर सिंह ने
भगवान रघुनाथ जी के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि भगवान रघुनाथ जी के कुल्लू में पदापर्ण के बाद से मंदिर में गोवर्धन पूजा (अन्नकूट) द्वापर युग से की जा रही है। भगवान के सालभर मनाए जाने वाले मुख्य 40 पर्वों में से अन्नकूट पर्व भी एक है। यह उत्सव नई फसल के निकलने के बाद भगवान रघुनाथ जी को नए अनाज का भोग लगाने के लिए मनाया जाता है।
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