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    Kullu Landslide: पार्वती घाटी के शिल्हा गांव के लोगों की अटक रहीं सांसें, भूस्खलन के बाद 80 घरों पर मंडराया खतरा

    कुल्लू के मणिकर्ण घाटी के शिल्हा गांव में भूस्खलन से 80 घर खतरे में हैं। ग्रामीणों ने सुरक्षा दीवार बनाने की मांग की है क्योंकि जमीन में बड़ी दरारें आ गई हैं। जल शक्ति विभाग ने प्राक्कलन तैयार किया था पर काम नहीं हुआ। सैंज घाटी के शलवाड में भी मकान खतरे में हैं और लोगों ने प्रशासन से मदद मांगी है।

    By davinder thakur Edited By: Prince Sharma Updated: Thu, 21 Aug 2025 03:18 PM (IST)
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    पार्वती घाटी का शिल्हा गांव में भूस्खलन से 80 घर खतरे की जद में (Agency Photo)

    जागरण संवाददाता, कुल्लू। मणिकर्ण घाटी के वरशैणी पंचायत के शिल्हा गांव में लगातार भूस्खलन हो रहा है। भूस्खलन होने से 80 घर खतरे की जद में आ गए हैं। वर्ष 2023 से यह समस्या बढ़ रही है और इस बार हुई लगातार बारिश में फिर से भूस्खलन शुरू हो गया है।

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    जमीन में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं और भूस्खलन नदी से ऊपर शिल्हा गांव की ओर बढ़ रहा है। शिल्हा गांव में लगभग 80 घरों में लोग रहते हैं। लगातार भूस्खलन के खतरे में उन घरों में रह रहे लोग अब खतरे की जद में आ गए हैं।

    शिल्हा गांव के ग्रामीण हुकुम सिंह, बुधराम,पूर्ण चंद, संगतराम, ठाकर दास, छपे राम ने मांग कि है शिल्हा गांव के बचाव के लिए नदी के किनारे कंक्रीट की सुरक्षा दीवार लगाई जाए।

    जिससे गांव को बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि जल शक्ति विभाग के अधिकारियों ने 2023 की आपदा के बाद प्राकलन तैयार किया था, लेकिन अभी तक कोई सुरक्षात्मक काम नहीं हुआ है।

    मणिकर्ण घाटी में पार्वती नदी के किनारे सुरक्षा के लिए कुछ कदम उठाए जा रहे हैं, खासकर पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जल्द कार्य होना चाहिए था।

    लेकिन शिल्हा गम के मामले में अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। प्रशासन को जल्द से जल्द सुरक्षा उपाय करने चाहिए ताकि शिल्हा गांव को बचाया जा सके।

    उधर सैंज घाटी के शलवाड में भी सात मकान खतरे की जद में आ गए हैं। मकान में रह रहे परिवार के सदस्यों ने मकान को खाली करना शुरू कर दिया है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि हमारी सुरक्षा की जाए और मकान के साथ जो भूस्खलन हो रहा है उसको रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाए।