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    कुल्लू अग्निकांड: पीड़ितों से मिलकर भावुक हुए जयराम ठाकुर, बढ़ाए मदद के हाथ; हरसंभव सहयोग का दिया आश्वासन

    Updated: Sun, 05 Jan 2025 12:40 PM (IST)

    कुल्लू के बंजार में हुए अग्निकांड के बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने केंद्र सरकार से भी बात की है और जल्द ही प्रभावित परिवारों को मकान बनाने के लिए 50-50 टीन की चादरें दी जाएंगी। जयराम ठाकुर ने जिला प्रशासन की लेटलतीफी के लिए भी आलोचना की।

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    अग्नि पीड़ितों से मुलाकात करते जयराम ठाकुर। (जागरण फोटो)

    संवाद सहयोगी, कुल्लू। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शनिवार को बंजार के तांदी गांव पहुंचे। अग्निकांड प्रभावितों से मिलकर भावुक हो गए। प्रभावितों को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। केंद्रीय शहरी विकास एवं ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी बात हुई है जिन्होंने तत्काल प्रदेश में सेवारत उपक्रमों को पीड़ित परिवारों की मदद के लिए निर्देश दिए हैं।

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    एनएचपीसी से अधिकारी यहां पहुंचे और जल्द प्रभावित परिवारों को मकान बनाने के लिए 50-50 टीन की चादरें दी जाएंगी। उन्होंने प्रभावित परिवारों से कहा कि संकट की घड़ी में हौसला बनाए रखें। घर दोबारा भी बन जाएंगे।

    यहां सड़क सुविधा बेहतर बनाने के लिए जल्द केंद्रीय मंत्री से बात करेंगे और इस संपर्क सड़क के लिए विधायक सुरेंद्र शौरी और सांसद कंगना रनौत से मिलकर 10 लाख रुपये जारी किए जाएंगे। उन्होंने जिला प्रशासन की लेटलतीफी के लिए आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में संवेदनशील होकर काम करने की जरूरत होती है।

    उन्होंने सभी 20 पीड़ित परिवारों को कंबल, कीचन सेट और बर्तन भी बांटे। इस मौके पर उनके साथ स्थानीय विधायक सुरेंद्र शौरी, आनी के विधायक लोकेंद्र सिंह, नाचन के विधायक विनोद कुमार भी उपस्थित रहे। इससे पहले जयराम ठाकुर ने पूरे गांव का निरीक्षण किया और पीड़ित परिवारों से मिलकर संवेदना व्यक्त की।

    'घोटाला दबाने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही सरकार'

    नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि ठियोग में हुए पेयजल आपूर्ति के घोटाले में सरकार ढुलमुल रवैया अपना रही है। एक साल पहले शुरू हुए घोटाले की सरकार को पहले तो भनक तक नहीं लगी और जब मामले से जुड़े लोगों ने ही पेयजल आपूर्ति पर सवाल उठाया तो भी सरकार ने कुछ नहीं किया गया।

    शिकायत आने के बाद माह तक मामला एसडीएम के पास पड़ा रहा। फिर भी सरकार चुप बैठी रही। जब विपक्ष के नेताओं मामले को मुद्दा बनाया गया तब सरकार जागी। जब भाजपा के स्थानीय नेताओं ने मामले में आपराधिक मामला दर्ज करवाने की धमकी दी तो सरकार ने कार्रवाई करने का दिखावा किया गया।

    आखिर एक साल से सरकार किसे बचा रही थी। जब टैंकर चालक ने नवबंर में ही इस पूरे प्रकरण में घोटाले की बात करते हुए प्रेस कांफ्रेंस की थी तब सरकार और संबंधित अधिकारियों ने इस मामले पर चुप्पी कैसे साधी। आखिर इस मामले को दबाने के पीछे की क्या मंशा थी।

    सिर्फ कंपनी ब्लैक लिस्ट करने से काम नहीं चलेगा। इस मामले में जितने भी लोग जुड़े हैं, सभी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।