बारिश भी न रोक सकी जोश, कुल्लू दशहरा का धमाकेदार समापन; 1140 प्रतिभागियों के साथ चमका कार्निवल
अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव के अंतिम दिन कुल्लू कार्निवाल का आयोजन किया गया जिसमें 1140 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए। पांच विभागों ने अपनी उपलब्धियों को दर्शाती झांकियां निकालीं। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री मुख्य अतिथि थे। महिला मंडल की सदस्याएं पारंपरिक कुल्लवी परिधानों में सजी थीं। कुल्लू कार्निवल ढालपुर के रथ मैदान से शुरू होकर कला केंद्र में समाप्त हुआ। बारिश के कारण कार्निवल का आयोजन एक दिन देरी से हुआ।

संवाद सहयोगी, कुल्लू। अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के अंतिम दिन बुधवार को कुल्लू कार्निवाल का आयोजन किया गया। कार्निवाल में करीब 1140 महिला मंडल व सांस्कृतिक दल, युवा स्वमं सेवी, वालेंटियर शामिल हुए। इसके अतिरिक्त पांच विभागों की ओर से कार्निवल में झांकियां निकाली गईं। इसमें जिला आपदा प्रबंधन, शिक्षा विभाग, डाइट, पर्यटन विभाग, खेल विभाग का माडल प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ दशहरा उत्सव समिति के अध्यक्ष सुंदर सिंह ठाकुर भी मौजूद रहे। झाकियों में महिला मंडल की महिलाएं कुल्लवी,लाहली, परिधानों में सजधज कर आई थी। इसमें पट्टू, धाठू, हाथ में लाल, हरे, सफेद रंग का रूमाल लिए हाथों को लहरा रही थी।
इसमें कई महिलाएं ऊन कातते हुए तो कुछ महिलाओं के हाथों में बुनाई और कुछ महिलाएं पुरातन पहनावा पहनकर झाकिंयों में चार चांद लगा रही थी। इनको देखने के लिए कुल्लू के माल रोड़ में लोगों की भीड़ उमड़ी हर कोई अपने अपने मोबाइल से इस याद को कैमरे में कैद करता हुआ नजर आया।
कुल्लू कार्निवल का आयोजन ढालपुर के रथ मैदान से सुबह 11:30 बजे शुरू हुआ इसके बाद झांकियों में सैकड़ों महिलाएं माल रोड़ होते हुए जिसका समापन कलाकेंद्र में किया गया। कुल्लू दशहरा उत्सव में दूसरी बार कुल्लू कार्निवल का आयोजन किया गया। हालांकि यह आयोजन मंगलवार को होना था बारिश के कारण बुधवार को इसका आयोजन किया गया।
इसके बाद जैसे ही रथ मैदान में महिलाएं एकत्र हुई और हाथों में रूमाल लिए हवा में लहराते हुए कदम से कदम आगे बढ़ते गए। इसका भव्य नजारा देखने को लोग आतूर रहे। कार्निवल में दो तीन गीत बार बार बज रहे थे।
कुल्लू कार्निवल में खासी अव्यवस्था दिखाई दी। न कोई समय, न ही व्यवस्थित कार्यक्रम बीच मे देवी देवता भी गुजरे।जिससे महिलाओं को खासी दिक्कत पेश आई। महिलाओं को भगाया गया। दर्शकों को देखने के लिए उचित प्रविधान नहीं किया गया था।
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