'2023 की आपदा के बाद प्रभावी कदम उठाने की बजाय सोई रही सरकार', कुल्लू में दौरा करने के बाद बोले जयराम ठाकुर
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कुल्लू में आपदा स्थलों का दौरा किया और सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार 2023 की आपदा से सबक नहीं ले पाई। ठाकुर ने केंद्र सरकार द्वारा दी गई सहायता का जिक्र किया और सरकार से आपदा राहत कार्यों को तेज करने की अपील की। उन्होंने देवताओं से क्षमा और कृपा बनाए रखने की प्रार्थना की।

संवाद सहयोगी, कुल्लू। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शुक्रवार बको कुल्लू के अखाड़ा बाजार और इनर अखाड़ा बाजार के आपदा स्थल का दौरा किया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में जान माल के नुकसान का दायरा बढ़ता जा रहा है।
मानसून लगभग अपनी समाप्ति पर है लेकिन जाते-जाते उसने कुल्लू को कभी न भरने वाले जख्म दिए हैं। चंबा और मंडी में भी त्रासदी से भारी नुकसान हुआ है। कुल्लू प्रवास के दौरान ही वह झींड़ी भूस्खलन क्षेत्र पारला तथा भुंतर के बाढ़ प्रभावितों से मिलकर उनका हाल चाल जाना और उनका हौसला बढ़ाया।
उन्होंने कहा कि आपदा बहुत बड़ी सजा है। अगर हमसे कोई गलती हुई है तो देवता हमें क्षमा करें और अपनी कृपा हम पर बनाए रखें। जय राम ठाकुर ने कहा कि इस आपदा में सरकार अपने काम से ज्यादा राजनीति कर रही है और मुख्यमंत्री का सारा ध्यान आपदा प्रभावितों को राहत देने की बजाय केंद्र सरकार को कोसने में लगा हुआ है।
आपदा की मुश्किल घड़ी में मुख्यमंत्री अपनी जिम्मेदारी निभाने की वजह इंटरनेट मीडिया में क्या चल रहा है इसकी बात कर रहे हैं। इस आपदा में बहुत नुकसान हुआ है और लोगों को जल्दी से जल्दी राहत पहुंचाने के लिए सरकार को अपने प्रयासों को और तेज करना होगा। 2023 की आपदा हमने कोई सबक नहीं लिया।
पिछली आपदा के बाद यदि हमने प्रभावी कदम उठाए होते और बहुत सारे चिन्हित स्थानों पर काम किया होता तो आपदा के नुकसान को कुछ कम किया जा सकता था। दो साल से जहां कट लगे हैं वहीं लगे पड़े हैं, जहां मलबा पड़ा हुआ है वहीं पड़ा है। दो साल से सरकार ने बहुत सारी जगह की कोई सुध ही नहीं ली।
सरकार यह बताएं कि आपदा में उसने क्या किया? आपदा से निपटने की पहली जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है। हर काम के लिए केंद्र सरकार को कोसना कहां तक सही है? राज्य सरकार द्वारा जो भी कहा जा रहा है, केंद्र द्वारा तत्काल वह सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
मणिमहेश यात्रा में भी लोगों को निकालने के लिए सेना के हेलीकॉप्टर जी जान से जुटे है। केंद्र सरकार ने पिछली बार भी प्रदेश की पूरी मदद की। पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की आर्थिक सहायता प्रदेश को की गई।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सभी सांसदों के साथ मैं भी केंद्रीय मंत्रियों से मिलकर हिमाचल की ज्यादा से ज्यादा सहायता करने और बार-बार आ रही आपदा के अध्ययन की गुजारिश की है।
सरकार बताएं क्या 2023 में केंद्र सरकार द्वारा दी गई धनराशि आपदा प्रभावितों और आपदा से निपटने के इंतजामों के ऊपर ही खर्च की गई है? यह राजनीति का नहीं आपदा से निपटने और आपदा प्रभावितों को ज्यादा से ज्यादा और जल्दी से जल्दी मदद करने का समय है। इस मौके पर उनके साथ सभी भाजपा के नेता मौजूद रहे।
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