Himachal News: कुल्लू घाटी में बर्बाद हो गई अनार की फसल, मौसम की मार से किसानों पर आई आफत
कुल्लू जिले में अत्यधिक बारिश के कारण अनार की फसल बर्बाद हो गई है जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। दलाशनी से जिया तक के बागवान जिनकी आय का मुख्य स्रोत अनार की खेती है परेशान हैं क्योंकि फसल खेतों में ही सड़ रही है। ग्रामीणों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है और बागवानी विभाग से उचित कार्रवाई की मांग की है।

संवाद सहयोगी, कुल्लू। जिला में अनार की फसल बगीचों में ही इस बार बर्बाद हो गई है। अत्यधिक बारिश के चलते अनार की आधे से ज्यादा फसल खेतों में ही सड़ गई है।
जिला के दलाशनी से लेकर जिया तक का क्षेत्र अनार की खेती के लिए मशहुर है। इस क्षेत्र में बागबान हर साल करोड़ों रुपये का अनार बेचते हैं तथा यह इनकी आय का एकमात्र स्त्रोत भी है। लेकिन इस बार हुई अत्यधिक बारिश से अनार अचानक बागीचों में ही सड़ने लगा है। अनार की फसल खराब होने से घाटी के लोग खासे परेशान हैं।
नरैश निवासी केहर सिह, थारी लाल, धनवीर, नरेंद्र जंवाल, हेमा जंवाल, बशौणा के योगराज, थरास निवासी सुरेंद्र शर्मा आदि ने बताया कि इस बार अत्यधिक बारिश के कारण उनकी अनार की फसल खेतों में ही खराब हो गई है। बागबानों का कहना है कि अनार की खेती ही उनकी आय का एकमात्र साधन है तथा फसल खराब होने के चलते अब उनकी परेशानी बढ गई है।
ग्रामीणों ने सरकार से भी मांग की है कि प्रशासन मौके पर आकर स्थिति को देखे तथा उनकी मदद के लिए संभव कदम उठाए। अभी तक बागबानी विभाग से कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं आया है।
ऐसे में बागबान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। जिला कुल्लू में बागवानों ने अब काबुली व कंधारी अनार के पौधे अधिक लगाए हैं। इससे आमदानी भी अच्छी होती है और लागत भी कम आती है। लेकिन इस बार अनार के खराब होने से दिक्कत पेश आ गई है।
इस बार कुल्लू जिला में अनार की फसल लगातार बारिश के बाद फंगस आई जिस कारण अनार खराब हुआ है। बागबानों से आग्रह है कि विभाग द्वारा जारी शेड्यूल को अपनाएं।
- डॉ. विजय भारद्वाज फल विज्ञानी क्षेत्र बागवानी अनुसंधान केंद्र बजौरा।
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