Himachal News: नग्गर में देवताओं का लगा महाकुंभ, 229 देवी-देवता पहुंचे; हजारों लोग बने चौथी जगती के गवाह
मनाली के नग्गर में देवी-देवताओं का महाकुंभ आयोजित हुआ, जिसमें कुल्लू, लाहुल और मंडी के 229 देवी-देवताओं ने भाग लिया। देवताओं ने देव स्थलों से छेड़छाड़ और गोमाता की अनदेखी पर नाराजगी जताई। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मनमानी जारी रही तो परिणाम भुगतने होंगे। देवताओं ने नग्गर और ढालपुर में पूजा-पाठ के निर्देश दिए।
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Himachal News: नग्गर में देवताओं का लगा महाकुंभ। फोटो जागरण
जागरण टीम, मनाली/पतलीकुहल। आज शुक्रवार को मनाली के ऐतिहासिक गांव नग्गर में देवी देवताओं का महाकुंभ लगा। इस महाकुंभ में कुल्लू सहित लाहुल व मंडी के 229 देवी देवताओं के हजारों कारकूनों व देवलुओं ने भगा लिया।
दशहरे के दौरान सभी देवी-देवताओं ने नग्गर में जगती करवाने के आदेश दिए थे। आज आयोजित जगती में देवी देवताओं ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि देव स्थलों के साथ छेड़छाड़ व गोमाता की अनदेखी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आदेश का पालन नहीं हुआ तो इसका खामियाजा भुगतने के लिए भी तैयार रहें। देवताओं ने कहा कि अभी तो केवल एक ही लौटा पानी दिया है। अगर मानव की मनमानी ऐसे ही जारी रही तो भगवान रघुनाथ के चरण छूने को विवश होंगे।
भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह के सुपुत्र टिका दानवेंद्र ने जगती की जानकारी देते हुए कहा कि अपने जीवन काल में यह चौथी जगती हो रही है। उन्होंने कहा कि देव नीति में राजनीति के दखल से देवी देवता आहत थे।
दशहरे के दौरान सभी देवी देवताओं ने जगती बुलाने के आदेश दिए थे। इन आदेशों का पालन करने हुए आज नग्गर में जगती का आयोजन हुआ जिसमें 229 देवी देवताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। उन्होंने कहा कि देवी देवता देव स्थलों पर हो रही छेड़छाड़ से नाराज है।
उन्होंने कहा कि देवी देवताओं ने नग्गर सहित ढालपुर में भी पूजा पाठ के निदेश दिए है। इस विषय को लेकर जल्द ही सभी से विचार विमर्श कर तिथि निर्धारित की जाएगी।
भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि उनके जीवन काल की यह चौथी जगती है। इससे पहले स्की विलेज को लेकर पहली जगती हुई थी। जिसमें सभी देवी देवताओं ने एक स्वर में स्की विलेज का विरोध किया था।
दूसरी जगती बलि प्रथा बंद करने के विरोध में हुई थी तथा तीसरी जगती जब देश में करोना आया था उस वक्त भी सभी देवी देवताओं ने नग्गर के इस ऐतिहासिकजगती पट में एकत्रित होकर एक स्वर में घाटी के लोगों को सुरक्षित रखने का आशीर्वाद दिया था।
इस बार भी जगती में 229 देवी देवताओं के प्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है। खास बात यह है कि इस जगती में लाहुल व मंडी के देवी देवताओं ने भी शिकरत की है।

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