इस बार वन विभाग लगाएगा 10 लाख पौधे
कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के साथ एक बार फिर से व्यवस्था पट
संवाद सहयोगी, कुल्लू : कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के साथ एक बार फिर से व्यवस्था पटरी पर लौट रही है। अब कुल्लू जिला में बरसात के दौरान वन विभाग 1200 हेक्टेयर भूमि पर लगभग 10 लाख पौधे रोपेगा। इससे हरियाली के साथ आक्सीजन की भी कमी नहीं रहेगी।
ये सब पौधे कुल्लू के तीन डिवीजन और लाहुल डिवीजन में लगाए जाएंगे। इसमें कुल्लू जिला के तीन डिवीजन में 1050 हेक्टेयर भूमि पर करीब नौ लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है, जबकि लाहुल में 150 हेक्टेयर में एक लाख पौधे रोपे जाएंगे। हैरानी की बात है कि हर वर्ष वन विभाग स्थानीय संस्थाओं के साथ मिलकर लाखों पौधों को लगाता है, लेकिन कामयाब बहुत ही कम होते हैं। पहली बार वन विभाग पौधों को लगाने के बाद इनकी जिम्मेदारी भी निर्धारित करेगा। पौधों के नष्ट होने का कारण बताना होगा और लापरवाही होगी तो कार्रवाई भी की जाएगी।
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इन प्रजातियों के लगाए जाएंगे पौधे
कुल्लू जिला में बरसात के दौरान सबसे ज्यादा देवदार के पौधे लगाए जाएंगे। इसके अलावा बालओक, दाडू, खनोर, अखरोट, चुली, रिमिनिया, रिठा, बान, तोष, अमलुक, रखाल, ब्रौडलीव, सैलिक, मोहरू, खरशु, तूणी आदि के पौधे लगाए जाते हैं। मांग के मुताबिक पीपल के पौधे भी लगाए जाएंगे। इस बार औषधीय पौधे लगाने की भी योजना तैयार की है।
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कुल्लू व लाहुल में इस बार बरसात में पौधरोपण के लिए योजना तैयार की गई है। वनों का घटना चिताजनक है इसलिए इस बार 1200 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाएगा। इस बार रखरखाव की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।
-अनिल शर्मा, अरण्यपाल वन वृत कुल्लू-लाहुल