आपदा को रोकने के लिए कुल्लू में लगेगी देव संसद, 350 देवताओं के प्रतिनिधि निभाएंगे परंपरा
कुल्लू के नग्गर में 30 अक्टूबर को देव संसद का आयोजन होगा। हिंदू जागरण हिमाचल प्रदेश के तत्वावधान में होने वाले इस जगती अनुष्ठान में लगभग 350 देवताओं के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इसका मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं को रोकना और देव आदेश का पालन करना है। देव परंपरा के माध्यम से लोगों को प्रकृति के प्रति जागरूक किया जाएगा और आपदा निवारण पर मंथन होगा।

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राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रदेश में बीते दिनों आई आपदा को लेकर कुल्लू में अब देव संसद लगेगी। हिंदू जागरण हिमाचल प्रदेश कार्यसमिति सदस्य पुष्पा ठाकुर ने यहां जारी बयान में बताया कि 30 अक्टूबर को कुल्लू के नग्गर में जगती अनुष्ठान होगा।
इस मौके पर लगभग 350 देवताओं के प्रतिनिधि देव परंपरा को निभाएंगे। इसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदा को रोकने और सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए देव आदेश का पालन करना है।
इस दौरान गत समय में प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदाओं के प्रति लोगों को जागरूक करना और भविष्य में ऐसी आपदाओं को रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि देव परंपरा और देव आस्था के माध्यम से लोगों को एकजुट कर उन्हें प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाने का प्रयास किया जाएगा। जगती अनुष्ठान में देवताओं के प्रतिनिधि देव चिह्न के साथ भाग लेंगे और देव आदेश की पालना के लिए सामूहिक प्रयासों का आह्वान करेंगे।
आने वाले वर्षों में यदि आपदा आती है तो उससे देवताओं के आदेश के बाद किस तरह निवारण व बचा जाएगा, इसको लेकर नग्गर में सैकड़ों देवता एकत्र होकर मंथन करेंगे। देववाणी से समाधान किया जाएगा।

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