अटल टनल : 10,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर बनी सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग
अटल टनल रोहताग को आधिकारिक तौर पर वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड्स की ओर से 10000 फीट से अधिक ऊंचाई पर बनी सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग के रूप में प्रमाणित किया गया है।

जागरण संवाददाता, मनाली : अटल टनल रोहताग को आधिकारिक तौर पर वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड्स द्वारा 10,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर बनी दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग के रूप में प्रमाणित किया गया है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने इस सुंरग के निर्माण में बीआरओ की उपलब्धि के लिए बुधवार को दिल्ली में पुरस्कार प्राप्त किया। रक्षा मंत्रालय की ओर से इस संबंध में जानकारी दी गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन अक्टूबर 2020 को अटल टनल रोहताग का उद्घाटन किया था। अटल टनल देशभर के पर्यटकों के लिए पहली पसंद बनी है। वर्ष 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाधी ने लाहुल स्पीति का दौरा किया था। उस समय उन्हें सुरंग बनाने का विचार आया था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने तीन जून 2002 को सुरंग बनाने का फैसला लिया था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाधी ने इस सुरंग की आधारशिला वर्ष 2010 में रखी थी। 1400 करोड़ था बजट, 3200 करोड़ खर्च हुए
अटल टनल रोहतांग के निर्माण के लिए शुरुआत में 1400 करोड़ का बजट था। समय अधिक लगने के कारण इसके बजट में भी बढ़ोतरी हो गई। टनल पर करीब 3200 करोड़ रुपये खर्च हुए। टनल बनने से मनाली से लाहुल-स्पीति और लेह की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई है। यह 10040 फीट ऊंचाई पर बनी दुनिया की सबसे लंबी 9.02 किलोमीटर सुरंग है। यह दुनिया की पहली टनल है जिसमें 4जी कनेक्टिविटी मुहैया करवाई गई है। अजूबे से कम नहीं अटल टनल
अटल टनल किसी अजूबे से कम नहीं है। यह अपनी विशेषताओं के लिए खास है। टनल में हर 500 मीटर पर आपातकाल सुरंग है जो टनल के दोनों छोरों पर निकलती है। हर 150 मीटर पर आपातकाल 4जी फोन की सुविधा है। हर 60 मीटर पर सीसीटीवी हैं। अटल टनल रोहताग के दोनों छोर पर कंट्रोल रूम हैं। यहा से हर किसी पर पैनी नजर रखी जाती है। अटल टनल में आपदा की सूरत में एस्केप टनल फंसे हुए लोगों को बाहर निकालेगी। इसे वैकल्पिक तौर पर बनाया गया है जिसका एक छोर नार्थ जबकि दूसरा छोर साउथ पोर्टल में खुलता है।
एनएचपीसी दूर करेगी टनल में रिसाव
टनल निर्माण के दौरान सेरी नाला के पानी के कारण 600 मीटर पैच में चार साल का समय लग गया। इससे टनल निर्माण में देर हुई है। सुरंग के भीतर हो रहे सेरी नाला के रिसाव पर चीफ इंजीनियर राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि एनएचपीसी कंपनी के साथ एमओयू हो गया है। आगामी सर्दियों से पहले सेरी नाले के रिसाव की समस्या को दूर कर लिया जाएगा।
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