जामा मस्जिद को प्रशासन ने बताया वैध फिर भी गिराने पर अड़े हिंदू संगठन, पुलिस के साथ हुई धक्का-मुक्की
Masjid Vivad कुल्लू के अखाड़ा बाजार में बनी जामा मस्जिद को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हिंदू संगठन मस्जिद को गिराने की मांग पर अड़े हैं जबकि प्रशासन का कहना है कि मस्जिद वैध है। देवभूमि जागरण मंच ने सोमवार को करीब तीन किलोमीटर तक धर्म जागरण यात्रा निकालकर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।
संवाद सहयोगी, कुल्लू। कुल्लू के अखाड़ा बाजार स्थित जामा मस्जिद के निर्माण के विरोध में लोगों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है। प्रशासन कह रहा है कि मस्जिद वैध है जबकि हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता इसे गिराने की मांग पर अड़े हैं। देवभूमि जागरण मंच की ओर से सोमवार को कुल्लू में करीब तीन किलोमीटर तक धर्म जागरण यात्रा निकालकर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी गई।
पुलिसकर्मियों के साथ हुई धक्का-मुक्की
हिंदू संगठनों से जुड़े पदाधिकारी व स्थानीय लोग दिन में 11 बजे रामशिला में एकत्रित हुए और ढोल-नगाड़ों की थाप पर और कुल्लवी परिधान पहनकर नाटी डालकर यात्रा शुरू की। इस दौरान अखाड़ा बाजार बंद रहा और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 163 लागू रही।
जामा मस्जिद से 10 मीटर दूर पहुंचते ही लोग उत्तेजित हो गए। उन्होंने भारी पुलिस बल तैनात होने के बावजूद मस्जिद में जाने की कोशिश की। इस दौरान उनकी पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की हुई। कुछ देर तक वहां नारेबाजी होती रही और पुलिस ने शांति बनाए रखने की अपील की। पुलिसकर्मियों ने लोगों को मस्जिद की ओर नहीं जाने दिया।
लोगों ने किया हनुमान चालीसा का पाठ
इसके बाद लोगों ने मस्जिद से करीब 25 मीटर दूर और लोअर अखाड़ा बाजार ढालपुर में हनुमान चालीसा का पाठ किया। धर्म जागरण यात्रा ढालपुर होते हुए उपायुक्त कार्यालय पहुंची। हिंदू संगठनों ने सनातन धर्म की रक्षा करने की शपथ ली। उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने प्रदर्शनकारियों को समझाया। उन्होंने देवभूमि जागरण मंच के पदाधिकारियों को मस्जिद निर्माण से संबंधित दस्तावेज दिखाए लेकिन वे इससे संतुष्ट नहीं हुए।
उपायुक्त के सामने पुलिस अधीक्षक व हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं में नोकझोंक हुई। उधर, एसडीएम विकास शुक्ला ने बताया कि अखाड़ा बाजार में बनी जामा मस्जिद पर वक्फ बोर्ड का कब्जा है। वक्फ बोर्ड आजादी से पहले था, एक्ट बाद में लागू हुआ है।
लोगों को गुमराह कर रहा प्रशासन- क्षितिज
देवभूमि जागरण मंच के अध्यक्ष क्षितिज सूद ने कहा कि प्रशासन कह रहा है कि मस्जिद आजादी से पहले की है और इसमें वक्फ बोर्ड का कब्जा है। वक्फ बोर्ड आजादी के बाद बना है फिर उसका कब्जा कैसे हो सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन गलत जानकारी देकर लोगों को गुमराह कर रहा है। मस्जिद को गिराया जाए। दो बार शांतिपूर्वक यात्रा निकाली और अब उग्र प्रदर्शन होगा।
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यह है मामला
विश्व हिंदू परिषद ने 21 जून 2017 को मस्जिद का अवैध निर्माण होने की शिकायत नगर परिषद कुल्लू से की थी। नगर परिषद ने 28 जून 2017 को नोटिस जारी किया था। इसके बाद निर्माण बंद कर दिया गया। चार मंजिला मस्जिद का नक्शा 14 जुलाई 2000 को पास हुआ था। मस्जिद की एक मंजिल पुरानी है जबकि तीन मंजिलें वर्ष 2000 के बाद बनी हैं। प्रशासन का कहना है कि मस्जिद वैध है। नक्शा भी पास है पर निर्माण नक्शे के अनुसार नहीं हुआ है। यह मामला शहरी विकास विभाग के पास लंबित है।
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