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    जब मोहित चौहान की हिमाचली लोकगीत की रिंगटोन का दीवाना हो गया था बालीवुड, स्‍टार कलाकार से खास बातचीत

    By Rajesh Kumar SharmaEdited By:
    Updated: Fri, 18 Mar 2022 01:52 PM (IST)

    Mohit Chauhan हिमाचल के रहने वाले मोहित चौहान आज बालीवुड का नामी चेहरा हैं। लेकिन बालीवुड उनकी रिंगटोन का दीवाना है। जी हां बालीवुड के दिग्‍गजों ने जब मोहित चौहान की रिंगटाेन सुनी तो वह इसके दीवाने हो गए।

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    बालीवुड के नामी गायक हिमाचल निवासी मोहित चौहान।

    शिमला, यादवेन्‍द्र शर्मा। Mohit Chauhan, माये नी मेरिए... हिमाचली लोकगीत की रिंग टोन को अपने मोबाइल फोन पर रखा था। उसे कई फिल्मी हस्तियों, निर्देशकों, गायकों आदि ने उसे अपनी रिंगटोन बना दिया। हिमाचली लोकगायन व संस्कृति का असर मेरे गीतों में है और उसे आधार दिया है। मैं हिमाचल के लगभग हर जिले में रहा हूं। हिमाचल का बेटा हूं। इसलिए प्रदेश के युवाओं और कलाकारों के लिए बहुत कुछ करना चाहता हूं। यह बात बालीवुड के प्रसिद्ध पार्श्‍व गायक मोहित चौहान ने यादवेन्द्र शर्मा से विशेष बातचीत में कही। प्रस्तुत हैं उनसे बातचीत के प्रमुख अंश :

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    हिमाचल से आपका नाता रहा है। कोविड की तीसरी लहर बीत गई, हिमाचल की याद इतनी देर से क्यों आई?

    हिमाचल से बहुत गहरा नाता रहा है। हिमाचली लोकगायकी ने यहांं तक पहुंचाया है। सिरमौर जिले में पैदा हुआ। शुरुआती पढ़ाई कुल्लू में की जबकि कालेज में धर्मशाला में पढ़ा। मंडी, बिलासपुर व शिमला से भी नाता रहा। कोविड की पहली व दूसरी लहर में भी प्रदेश के लिए मदद दी थी। पहली लहर में मजदूरों के लिए राशन भेजने के साथ आवारा कुत्तों आदि के लिए सामग्री भेजी। हिमाचल प्रदेश में मीडिया के सामने अब आया हूं। मदद तो पहली लहर से कर रहा हूं।

    कोविड के इस दौर को कैसे देखते हैं?

    कोविड के दौर में सब कुछ बंद रहा। रिकार्डिंग भी बंद रही और फिल्मों की शूटिंग भी नहीं हो सकी। थियेटर, कला और संगीत से जुड़े कलाकार भी दूसरों की तरह प्रभावित हुए। लोकगायकों की मदद करने के साथ उनके लिए राशन किट भी प्रदान की। गरीबों की मदद की।कई राज्यों में हर प्रकार की सहायता उपलब्ध करवाई गई।

    -हिमाचल प्रदेश के युवा कलाकारों और गायकों के लिए क्या करने की योजना है?

    युवाओं को बालीवुड में प्रवेश करवाने और उस प्रकार की तैयारी के लिए जो भी किसी प्रकार का सहयोग चाहता है, आनलाइन मदद कई वर्ष से कर रहा हूं। इसके लिए प्रशिक्षण कक्षाएं भी शुरू करने की योजना है। हिमाचल सरकार शिमला या अन्य जिस भी स्थान पर चाहेगी, वहां बड़ा कार्यक्रम स्थानीय गायकों व संगीतकारों के साथ जल्द करूंगा।

    बालीवुड में नाम कमाने के साथ क्या प्रदेश की राजनीति में कदम रखने या प्रचार की योजना है?

    राजनीति में आने के संबंध में अभी सोचा नहीं है। अभी तो पाश्र्व गायन में ही प्रयास जारी रहेगा। इस दिशा में युवाओं के लिए भी कार्य करूंगा।  

    हिमाचल प्रदेश की संस्कृति और इसके प्रसार के लिए क्या करने की योजना है?

    हिमाचल प्रदेश की कल-कल बहती नदियां, पहाड़, प्राकृतिक सौंदर्य व यहां का वातावरण संगीत और कला के लिए बहुत लाभदायक है। हिमाचल की लोक संस्कृति को जीवंत रखने के लिए हमेशा प्रयास करता हूं। हिमाचली लोकगीतों को भी बालीवुड में पहचान दिलाने के लिए काम कर रहा हूं। माये नी मेरिए हिमाचली लोकगीत मुझे बेहद पसंद है।

    पांच ही अस्पतालों को कोविड राहत सामग्री क्यों दी?

    इन पांच अस्पतालों ने राहत सामग्री के लिए संपर्क किया था। इसलिए विशेष रूप से इन्हें ही राहत सामग्री दी गई है। भविष्य में भी राहत सामग्री दी जाएगी।

    राज्यपाल बोले, मैं 'कानसेन' तक सीमित

    शिमला। पार्श्‍व गायक मोहित चौहान ने वीरवार को राजभवन शिमला में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से भेंट की। उनकी पत्नी प्रार्थना गहलोत भी उनके साथ थीं। मोहित चौहान के हिमाचल से संबंध होने पर खुशी व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वह शास्त्रीय संगीत सुनते हैं और केवल 'कानसेन' तक सीमित हैं यानि वह केवल संगीत सुनते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बहुत संगीत है लेकिन उसे मंच प्रदान करने और बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जाने चाहिएं। वह शास्त्रीय संगीत को लेकर शिमला में एक बड़ा समारोह आयोजित करने पर विचार कर रहे हैं ताकि संगीत की यह परंपरा यहां शुरू की जा सके। यहां पार्श्‍व गायन की कार्यशाला भी होनी चाहिए। राज्यपाल ने मोहित चौहान को सम्मानित भी किया। मोहित चौहान ने हिमाचल से जुड़ी स्मृतियों को राज्यपाल के साथ साझा किया। उन्होंने धर्मशाला कालेज और शिमला में बिताए दिनों का जिक्र किया। उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश में संगीत के लिए वह हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार हैं।