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    IPL मैचों में अंपायरिंग कर लौटे हिमाचल के वीरेंद्र शर्मा ने साझा किए अनुभव, इन्‍हें दिया सफलता का श्रेय

    By Rajesh SharmaEdited By:
    Updated: Sun, 15 Nov 2020 09:02 AM (IST)

    Umpire Virender Sharma क्रिकेट खेल में बल्लेबाज को मुख्य रूप से सामने से आती गेंद और अपने बल्ले पर ध्यान देना होता है। लेकिन मैदान में खड़े अंपायर को ...और पढ़ें

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    हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के संबंध रखने वाले इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आइसीसी) अंपायर वीरेंद्र शर्मा।

    धर्मशाला, मुनीष गारिया। क्रिकेट खेल में बल्लेबाज को मुख्य रूप से सामने से आती गेंद और अपने बल्ले पर ध्यान देना होता है। वहीं गेंदबाज को अपनी गेंद व बल्लेबाज की रणनीति पर। लेकिन मैदान में खड़े अंपायर को गेंदबाज की गेंदबाजी, बल्लेबाजी और अन्य खिलाड़ियों पर भी ध्यान देना होता है। एक ही समय के यह सब करना आसान नहीं है। यह सब तेज नजर का खेल है। लेकिन हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के संबंध रखने वाले इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आइसीसी) अंपायर वीरेंद्र शर्मा ने सब करके दिखाया है। आइपीएल 2020 में उन्होंने कुल 17 मैचों में अंपायरिंग की है। इसमें 10 मैचों में आॅनफील्ड अंपायरिंग की है, जबकि छह मैचों में टीवी अंपायर के रूप में उनकी भूमिका रही है।

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    इस साल के आइपीएल सीजन के बेंगलुरु व हैदराबाद सेमीफाइनल मुकाबले के अलावा सनराइजर्स हैदराबाद बनाम कोलकाता नाइटराइडर्स, चेन्नई सुपर किंग्स व मुंबई सहित अन्य कई मैचों में ऑनफील्ड अंपायर रहे हैं।

    इस आइपीएल सीजन के अपने अनुभव को दैनिक जागरण के साथ सांझा करते हुए वीरेंद्र शर्मा ने कहा कि ये मेरे लिए बहुत खुशी की बात है कि इस उसकी अंपायरिंग के निर्णय 98 फीसद सही साबित हुए। उन्होंने कहा ग्राउंड में गेंदबाजी करने वाले टीम की ओर से कई बार अपील करते हुए अंपायर पर दबाव बनाने का प्रयास किया जाता है। ऐसे समय में संयम के साथ काम लेते हुए सही निर्णय लेना जरूरी होता है।

    कोविड-19 के चलते इस बार ये सभी के लिए मुश्किल सा दौर था। आइपीएल के लिए गए किसी भी व्यक्ति को होटल से बाहर निकलना मना था। बीसीसीआइ ने ऐसे कठिन समय के आइपीएल के हर मैच का बड़े सफल तरीके से आयोजन करवाया।

    ऐसे दौर में सफल आयोजन बीसीसीआइ व खिलाड़ियों की आर्थिकी की दृष्टि से भी बहुत अच्छी बात है, क्योंकि कोराेना काल में खिलाड़ियों के साथ साथ अन्य अधिकारियों की कमाई भी बंद हो गई थी।

    सबसे बड़ी बात यह रही कि इस आयोजन ने विश्वभर में क्रिकेट प्रेमियों के चेहरों को खुशी ला दी है, जोकि कोरोना काल के चलते घरों में कुछ नहीं कर पा रहे थे और कोई भी आयोजन नहीं देख पा रहे थे। मेरी इस उपलब्धि के लिए बीसीसीआइ सचिव अरुण धुमल व पूर्व बीसीसीआइ अध्यक्ष अनुराग ठाकुर का आभार है। इसके अलावा मुख्य रूप से उनके पिता रुलिया राम शर्मा व माता शकुंलता देवी के आशीर्वाद से ही वे इस मुकाम तक पहुंच पाए हैं।

    हिमाचल क्रिकेट टीम के कप्तान भी रहे हैं वीरेंद्र शर्मा

    वीरेंद्र शर्मा ने अपना क्रिकेट करियर हमीरपुर से बताैर अंडर-17 खिलाड़ी के रूप में शुरू किया था। इसके बाद अंडर-19 खेलते हुए वर्ष 1991 से 50 के करीब रणजी मैचों में उन्होंने हिमाचल का प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 2001 से दो वर्षों तक हिमाचल की रणजी टीम के कप्तान भी रहे। 2007 में एचपीसीए के प्रदेश स्तरीय अंपायर पैनल में पर्दापण किया। तब से लेकर पिछले साल आइसीसी अंपायर पैनल में चयनित होने तक उन्होंने 12 साल के करीब 75 प्रथम श्रेणी मैचों में अंपायरिंग कर चुके हैं। साथ ही वर्ष 2015 से आइपीएल के नियमित बतौर ऑनफील्ड व थर्ड अंपायर के रूप में सेवाएं दे रहे हैैं। इसके अलावा पिछले साल भारत-ऑस्ट्रेलिया वनडे मैच में भी अंपायरिंग कर चुके हैं।