रच्छियालु में युवक पर जानलेवा हमला करने के मामले पर, ग्रामीणों ने रोका सीएम का काफिला, थाने के तीन जवानों पर गिरी गाज
पुलिस थाना गगल के तहत रच्छियालू में स्थानीय युवक रोहित पर जानलेवा हमला करने के मामले से रोषित लोगों ने मंगलवार को गगल चौक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ...और पढ़ें

गगल, संवाद सहयोगी। पुलिस थाना गगल के तहत रच्छियालू में स्थानीय युवक रोहित पर जानलेवा हमला करने के मामले में लोगों ने मंगलवार को गगल चौक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का काफिला रूकवाया। ग्रामीणों की मांग पर सीएम उनके मिलने पहुंचे। इस दौरान ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से कहा कि आरोपित सचिन के खिलाफ पुलिस प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है। सचिन के हमले से घायल हुआ रोहित अभी टांडा में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है। मंगलवार को रोहित की हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी। अभी रोहित को टांडा आइसीयू में रखा हुआ है।
इस पर सीएम ने मामले के आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। वहीं पुलिस प्रशासन ने गगल थाना के एएसआइ रविंद्र कुमार, हवलदार नसीब व विजय लाइन में स्थानांतरित कर दिया है। इसके विपरीत ग्रामीणों की मांग है कि गगल थाने के पुरे स्टाफ का तुंरत प्रभाव से बर्खास्त किया जाए।आठ सितंबर को रच्छियालु के एक युवक सचिन ने गांव के ही रोहित पर जानलेवा हमला कर दिया है। जिससे राेहित घायल हो गया था और उसे टांडा में भर्ती करवाना पड़ा था। आठ सितंबर को हुई घटना के बाद भी गगल पुलिस ने मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं 10 सितंबर को पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने पुलिस की कार्रवाई से रोषित होकर गगल थाने का घेराव कर दिया था। ग्रामीणों की मांग थी कि आरोपित को गिरफ्तार किया जाएगा। ग्रामीणों में इतना आक्रोश था कि वह लोग थाने को जलाने को भी आतूर हो चुके थे।
इसका कारण ये भी था कि पंचायत प्रतिनिधियों के बार बार कहने के बावजूद पुलिस नशे पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी, बल्कि संरक्षण दे रही थी। गगल पंचायत प्रधान रेणु पठानिया ने आरोप लगाया कि पंचायत की ओर से दो से तीन बार पुलिस को लिखित में पत्र देकर नशे पर लगाम लगाने को कहा गया था। इसके बावजूद नतीजा शून्य था। इसी का परिणाम था कि आरोपित सचिन ने रोहित पर जानलेवा हमला कर दिया। ग्रामीणों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए डीएसपी कांगड़ा मदन धीमान खुद गगल पहुंचे थे और ग्रामीणों पर शांत करवाकर आरोपितों को गिरफ्तार किया था। एसएचओ पुष्प राज की कार्रवाई के नाराज लोगों का गुस्सा देखते हुए और नशे के खिलाफ समय पर कार्रवाई न करने पर एसएचओ को थाने से हटाया गया था।

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