Himachal News: सुरक्षित नहीं हिमाचल के सरकारी स्कूल, छत से गिर रहा प्लास्टर तो कहीं खिड़कियों के शीशे टूटे
Himachal Govt School हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में कई सरकारी स्कूलों की हालत जर्जर है। पालमपुर घुग्गर और घाड़ के स्कूलों में छात्र असुरक्षित भवनों में पढ़ने को मजबूर हैं। भवनों में सीलन टूटे शीशे और शौचालयों की कमी जैसी समस्याएं हैं। स्कूल प्रबंधन और सरकार को छात्रों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।

जागरण टीम, पालमपुर/पंचरुखी। Himachal Govt School, असुरक्षित शिक्षा के मंदिरों में पढ़ाई विद्यार्थियों के लिए बड़ा खतरा है। जर्जर भवन, सीलन व बिजली के नंगे तार विद्यार्थियों की सुरक्षा की पोल खोल रहे हैं। स्कूल प्रबंधन व सरकार को बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस ओर ध्यान देना चाहिए। कांगड़ा जिले के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक सह शिक्षा विद्यालय घुग्घर (पालमपुर), राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पालमपुर व राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घाड़ बदहाल हैं।
विद्यार्थी जर्जर भवनों में पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं। कई स्कूलों में शौचालय नहीं हैं और खिड़कियों के शीशे टूटे हैं। साथ ही चारदीवारी भी नहीं है। कमरों का प्लास्टर गिर रहा है।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घुग्घर
- विद्यार्थियों की संख्या : 289
- निर्माण वर्ष : 25 मई, 1938
- कक्षाएं : छठी से 12वीं तक।
छत से प्लास्टर गिर रहा, खिड़कियों के शीशे टूटे हुए
स्कूल का भवन गिरने की कगार पर है। छत से प्लास्टर गिर रहा है। शौचालय के दरवाजे टूटे हैं और पानी की आपूर्ति अनियमित है। विद्यार्थियों के बैठने के लिए बेंच व डेस्क पुराने और क्षतिग्रस्त हैं। खिड़कियों के शीशे टूटे हैं।
हम समय-समय पर स्कूल की जांच करते हैं और आवश्यकता अनुसार काम किया जाता है। प्रशासन को इसके बारे में लिखा जाता है। सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए मामला सरकार से प्राथमिकता से उठाया जाएगा।
-चांद रानी, अध्यक्ष एसएमसी, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सह शिक्षा घुग्घर।
राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पालमपुर
- छात्राओं की संख्या : 254
- कक्षाएं : छठी से 12वीं तक।
बैठने की नहीं उपयुक्त व्यवस्था
भवन की छत और फर्श की स्थिति ठीक है। दीवारों में नमी के कारण दरारें हैं। पुराने शौचालयों की स्थिति खराब है और नए का निर्माण किया जा रहा है। खिड़कियों के शीशे टूटे हैं। साथ ही बैठने की व्यवस्था उपयुक्त नहीं है।
स्थानीय स्तर पर छोटे-मोटे काम करवाए जाते हैं। बड़े सुधार के लिए फंड एकत्रित करते हैं। नए शौचालय बनाए जा रहे हैं। विद्यालय की स्थिति सुधारने के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर कदम उठाते हैं।
-आशिमा सचदेवा, अध्यक्ष एसएमसी, राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पालमपुर।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घाड़
- विद्यार्थियों की संख्या : 134
- निर्माण वर्ष : 2010
- कक्षाएं : छठी से 12वीं तक।
वर्षा होने पर टपकती है स्कूल की छत
वर्षा होने पर छत टपकती है। कमरों और दीवारों में सीलन है। विद्यार्थियों के बैठने के लिए उपयुक्त व्यवस्था नहीं है। चारदीवारी भी नहीं है। खेल मैदान में हर समय बेसहारा पशुओं का डेरा रहता है।
स्कूल प्रबंधन और कमेटी के पदाधिकारियों ने बैठक कर भवन की हालत सुधारने के लिए चर्चा की है। बैठक में चारदीवारी लगाने के संबंध में भी मंथन किया है। पानी निकासी की उचित व्यवस्था की जाएगी।
-नवीन कुमार, अध्यक्ष एसएमसी, सीसे स्कूल घाड़।
स्कूल प्रबंधन कमेटी की बैठक में भवन की दयनीय स्थिति को सुधारने के लिए लोक निर्माण विभाग और उपायुक्त कांगड़ा से पत्राचार किया है लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।
-रमेश कुमार, प्रधान पंचायत घाड़।
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