Losar Festival: तिब्बतियों का लोसर उत्सव कल से, सीटीए हाल में संक्षिप्त कार्यक्रम, घर में ही होगी पूजा
Tibetan Losar Festival तिब्बती समुदाय के लोग 2148 वां नववर्ष यानी लोसर 12 से 14 फरवरी तक मनाएंगे। इस दौरान समुदाय के लोग घरों में पूजा करेंगे और एक-दू ...और पढ़ें

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Tibetan Losar Festival, तिब्बती समुदाय के लोग 2148 वां नववर्ष यानी लोसर 12 से 14 फरवरी तक मनाएंगे। इस दौरान समुदाय के लोग घरों में पूजा करेंगे और एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटेंगे। 12 फरवरी को लोसर के शुभारंभ पर केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के हॉल में संक्षिप्त कार्यक्रम होगा और इसमें निर्वासित सरकार के प्रतिनिधि भाग लेंगे। कोरोना महामारी के कारण मुख्य बौद्ध मंदिर कोई भी आयोजन नहीं होगा। धर्मगुरु दलाईलामा भी अपने निवास स्थल पर रहेंगे। हालांकि पहले दलाईलामा लोसर के शुभारंभ पर मुख्य बौद्ध मंदिर में होने वाली पूजा में भाग लेते थे, लेकिन पिछले कुछ समय वह इस अवसर पर मुख्य बौद्ध मंदिर में नहीं आते हैं।
क्या है लोसर
लोसर बौद्ध धर्म में एक त्योहार है और इसे तिब्बती समुदाय के लोग नववर्ष की शुरुआत के रूप में मनाते हैं। तिब्बतियों के लूनर कैलेंडर के अनुसार फरवरी में उनका नववर्ष शुरू हो रहा है।
क्या होता है तीन दिन
पहले दिन घरों में पूजा की जाती है। दूसरे रोज समुदाय के लोग घरों से बाहर निकलकर एक-दूसरे को बधाई देते हैं। तीसरे दिन भी यही परंपरा निभाई जाती है। हालांकि पहले 15 से एक माह तक नववर्ष मनाया जाता था, लेकिन अब तीन दिन ही पूजा-अर्चना होती है। इन तीन दिन के दौरान समुदाय का कोई भी व्यक्ति पैसे खर्च नहीं करता है।
महामारी खत्म होने की प्रार्थना
उपसभापति निर्वासित तिब्बती संसद आचार्य यशी का कहना है लोसर 12 फरवरी से शुरू होगा। समुदाय के सभी लोगों को आयोजन की बधाई। पिछला वर्ष कोरोना की भेंट चढ़ा है, लेकिन इस साल यह महामारी खत्म हो और सभी लोग पहले जैसा खुशहाल जीवन व्यतीत कर आगे बढ़ें।

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