ज्वालामुखी के टेड़ा मंदिर का चार सालों में नहीं बदला स्वरूप, हर साल बजट में किया जाता है लाखों रुपये का प्रावधान
विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर के अधीन प्राचीन एवं ऐतिहासिक टेढ़ा मंदिर जिसे श्री रघुनाथ ईश्वर मंदिर भी कहा जाता है अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। करोड़ों रुपये की संपत्ति का मालिक यह मंदिर ज्वालामुखी मंदिर न्यास के अधीन है।
ज्वालामुखी, संवाद सहयोगी। विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर के अधीन प्राचीन एवं ऐतिहासिक टेढ़ा मंदिर जिसे श्री रघुनाथ ईश्वर मंदिर भी कहा जाता है अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। करोड़ों रुपये की संपत्ति का मालिक यह मंदिर ज्वालामुखी मंदिर न्यास के अधीन है इस मंदिर के संचालक बाबा रामदास ने अपनी इच्छा से इसे मंदिर न्यास ज्वालामुखी को सौंप दिया था ताकि इस मंदिर का उचित तरीके से रखरखाव हो सके।
यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें परंतु कई साल बीत जाने के बाद भी मंदिर न्यास ज्वालामुखी इस मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवा पाया है। यहां तक कि इस मंदिर को जाने वाले रास्तों की भी हालत बहुत दयनीय है इस मंदिर को जाने वाले सड़क मार्ग की भी हालत बहुत खराब है मुख्य मंदिर ज्वालामुखी के पास से जाने वाले मार्ग जहां पर पौड़ियां भी हैं उस रास्ते की भी हालत अत्यंत खराब है जिससे नंगे पांव जाने वाले यात्रियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। ज्वालामुखी मंदिर से लगभग ढाई किलोमीटर पहाड़ी पर विद्यमान यह ऐतिहासिक एवं प्राचीन मंदिर अत्यंत दर्शनीय है।
यहां पर भगवान श्री रामचंद्र माता सीता लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्तियां हैं। यहां की प्राचीन मूर्तियां जिला कोषागार धर्मशाला में सुरक्षित रखी गई हैं। जिनकी कीमत भी करोड़ों रुपये बताई जाती हैं। इसके अलावा मंदिर की करोड़ों रुपए की भूमि ज्वालामुखी और अन्य स्थानों में मौजूद हैं। मंदिर न्यास ज्वालामुखी ने पिछले लगातार चार सालों में लाखों रुपये इस मंदिर के भव्य जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण के लिए खर्च करने की योजनाएं तो बनाई परंतु धरातल पर नजर नहीं आई जिससे शहर के लोगों में भी इस सरकार व प्रशासन से खासी नाराजगी देखी जा रही है।
1905 के भीषण भूकंप में भी नहं गिरा था यह मंदिर
यह ऐतिहासिक मंदिर 1905 में हुए भीषण भूकंप में भी गिरा नहीं था और टेढ़ा हो गया था आज 100 साल से अधिक समय हो जाने पर भी यह मंदिर टेढ़ा खड़ा नजर आता है जिसे देखने के लिए देश के कोने-कोने से लोग यहां पर आते हैं परंतु मूलभूत सुविधाएं न होने की वजह से उन्हें भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं।
यह लिए थे निर्णय
मंदिर न्यास ज्वालामुखी ने इस ढाई किलो मीटर के मार्ग में जगह-जगह पर शौचालय रेन शेल्टर बैठने के लिए उपयुक्त पार्क कैफेटेरिया शॉपिंग कंपलेक्स व अन्य कई आकर्षक स्थल विकसित करने के निर्णय लिए थे मंदिर परिसर में रसोई स्नानागार शौचालय और एक शानदार भवन बनाने का प्रोजेक्ट बनाया था यहां पर छोटी सराय बनाने का भी प्रावधान कर किया गया था परंतु इनमें से कोई भी काम सिरे नहीं चढ़ पाया है। जिस वजह से लोगों में सरकार और प्रशासन के खिलाफ काफी रोष देखने को मिल रहा है। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
यह बोले एसडीएम मनोज ठाकुर
एसडीएम ज्वालामुखी मनोज ठाकुर ने संपर्क करने पर कहा कि इस कार्य के लिए जिलाधीश कांगड़ा से स्वीकृति हासिल की जाएगी और प्राथमिकता के आधार पर इस कार्य को करवाया जाएगा।
यह बोले रमेश धवाला
स्थानीय विधायक एवं राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला ने कहा कि वे कई बार टेढ़ा मंदिर में गए हैं और हर बार उन्होंने मंदिर के अधिकारियों और कर्मचारियों को यहां पर बेहतर व्यवस्था करने और हर लिहाज से इस मंदिर का जीर्णोद्धार और सुंदरीकरण करने के लिए निर्देश दिए थे परंतु किसी ने कोई सुनवाई नहीं की है। शीघ्र ही जिलाधीश कांगड़ा से मिलकर इस कार्य को पूरा करवाया जाएगा ताकि स्थानीय लोगों व श्रद्धालुओं को यहां पर सुविधाएं मिल सकें धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सके लोगों को रोजगार के अवसर मिल सके।
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