अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव पर कुल्लू में भगवान रघुनाथ जी को सात दिन तक पहनाए जाने वाले वस्त्र तैयार
कुल्लू के अधिष्ठाता देव भगवान रघुनाथ जी के सम्मान में हर साल मनाए जाने वाले देव महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के लिए प्रशासन की ओर से तैयारियां जोरों पर हैं। भगवान रघुनाथ जी के मंदिर व अस्थायी शिविर ढालपुर में भी रंग-रोगन सहित अन्य तैयारियां की जा रही हैं।

कुल्लू,संवाद सहयोगी। कुल्लू के अधिष्ठाता देव भगवान रघुनाथ जी के सम्मान में हर साल मनाए जाने वाले देव महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के लिए प्रशासन की ओर से तैयारियां जोरों पर हैं। सुल्तानपुर (रघुनाथपुर) स्थित भगवान रघुनाथ जी के मंदिर व अस्थायी शिविर ढालपुर में भी रंग-रोगन सहित अन्य तैयारियां की जा रही हैं। दशहरा उत्सव की तैयारियों में राजपरिवार जुटा हुआ है। राजमहल कुल्लू में राजपरिवार की ओर से दशहरा उत्सव के लिए भगवान रघुनाथ जी को सात दिन तक पहनाए जाने वाले अलग-अलग वस्त्र भी तैयार कर लिए गए हैं। इसके अलावा उत्सव से संबंधित अन्य कार्य पूरे किए जा रहे हैं।
इस बार भी रघुनाथ जी के वस्त्र का कुछ कपड़ा कुल्लू से खरीदा गया। कुछ कपड़ा दिल्ली से लाया गया है। रघुनाथ जी की छोटी पालकी की छतरी भी तैयार कर ली गई है। पालकी की छतरी दो-तीन साल के बाद तैयार की जाती है। इसका कपड़ा दिल्ली से मंगवाया गया है। हर बार की तरह इस बार भी राजपरिवार की ओर से दशहरा उत्सव से एक माह पूर्व ही वस्त्र तैयार करने का कार्य शुरू कर दिया गया था। नवरात्र से पूर्व ही वस्त्र तैयार कर लिए गए हैं। भगवान के वस्त्र मशीनों से नहीं बनाए जाते बल्कि राजपरिवार के सदस्य इन्हें अपने हाथ से ही तैयार करता है। इसके अलावा उत्सव से एक दिन पहले स्थानीय कारीगर भगवान रघुनाथ जी के आभूषणों की सफाई करेंगे।
पांच से 11 अक्टूबर तक होगा दशहरे का आयोजन
इस बार दो सालों के बाद बड़े स्तर पर आयोजित होने जा रहे देवसमागम अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के सफल आयोजन को लेकर जिला प्रशासन व अन्य विभिन्न विभाग जुटे हुए हैं वहीं, राजपरिवार की ओर से भी उत्सव में सभी देवपरंपराओं के निर्वहन के लिए तैयारियां की जा रही हैं।वहीं, उत्सव में भाग लेने वाले जिलाभर के देवी देवताओं के देवरथों को भी सजाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
महेश्वर सिंह, मुख्य छड़ीबरदार ने बताया कि भगवान रघुनाथजी के वस्त्र तैयार कर लिए गए हैं जबकि स्थानीय कारीगर दशहरा से एक दिन पूर्व आभूषणों की साफ सफाई करेंगे।उत्सव को लेकर रघुनाथपुर मंदिर व ढालपुर स्थित अस्थायी शिविर में तैयारियां चली हुई हैं।
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