कांगड़ा में भेड खड्ड से 32 मील तक फोरलेन खस्ताहाल, भूस्खलन से टनल बंद; ग्रामीणों में दहशत
भेड़ खड्ड से 32 मील तक बना फोरलेन खस्ताहाल है। टनल नंबर दो में भूस्खलन के कारण सड़क बंद है जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही है। सोलधा जंक्शन के पास संपर्क सड़क भी ढह गई है। लोगों को डर है कि फोरलेन पिछली डबल लेन से भी खराब है और सुरंगें खतरे का कारण बन सकती हैं।

संवाद सहयोगी, कोटला। भेड खड्ड से 32 मील तक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की ओर से फोरलेन सड़क की सुविधा प्रदान की गई है, लेकिन वास्तविकता यह है कि यह सुविधा केवल नाम की रह गई है।
सड़क निर्माण कंपनी ने अपना 95 प्रतिशत सामान समेट लिया है, जबकि यातायात शुरू कर दिया गया है। हालांकि, टनल नंबर दो त्रिलोकपुर की एक ट्यूब में भारी भूस्खलन के कारण यह लगातार बंद है।
इस फोरलेन का औपचारिक ट्रायल केवल दो दिन चला। अब स्थिति यह है कि भेड खड्ड से 32 मील तक फोरलेन जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है।
सोलधा जंक्शन के पास पुरानी संपर्क सड़क पर फोरलेन की ओर से लगाए गए कच्चे मिट्टी के क्रेट के कारण 50 मीटर सड़क पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। त्रिलोकपुर, सोलधा, नयांगल और जोलना पंचायतों के लगभग 15 हजार लोगों को अब कैहरना होकर कोटला पहुंचना पड़ रहा है।
भूस्खलन और पहाड़ी कटाई के कारण भारी चट्टानें और मलबा फोरलेन पर गिरने से लोगों में चिंता बढ़ गई है। आम चर्चा है कि यह फोरलेन पहले वाली डबललेन से भी खराब है, क्योंकि अब सड़क पर निकलने पर दुर्घटना का डर सताता है।
टनल नंबर एक और दो के बारे में लोगों को आशंका है कि ये कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती हैं। टनल नंबर दो, जो पिछले दो महीनों से बंद है, के दोनों छोर पर मलबा और पानी जमा हो गया है। त्रिलोकपुर वाली साइड पर दो पोकलेन मशीनें केवल दिखावे के लिए खड़ी हैं, जिनसे कोई काम नहीं किया जा रहा है।
उधर, भारत कंस्ट्रक्शन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के एचआर जितेंद्र वर्मा ने कहा कि टनल बिल्कुल ठीक है, लेकिन भूस्खलन के कारण इसे बंद किया गया है। बरसात खत्म होने के बाद स्थिति सामान्य होने पर यातायात बहाली की जाएगी।
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