सावधान! पौंग बांध से छोड़ा जाएगा 75 हजार क्यूसेक पानी, ब्यास किनारे से घर खाली करने का निर्देश, एडवायजरी व अलर्ट जारी
Pong Dam हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के चलते पौंग बांध से 75 हजार क्यूसेक पानी ब्यास नदी में छोड़ा जाएगा। प्रशासन ने नदी किनारे बसे लोगों को घर खाली करने के निर्देश दिए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर लगाए गए हैं और सभी विभागों को अलर्ट पर रखा गया है।

संवाद सहयोगी, फतेहपुर (कांगड़ा)। Pong Dam, हिमाचल प्रदेश के पौंग बांध (महाराणा प्रताप सागर) से बीबीएमबी प्रशासन अगले 24 घंटों में 75 हजार क्यूसेक पानी ब्यास नदी में छोड़ेगा। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि पानी की निकासी एकदम से नहीं होगी, बल्कि हर 12 घंटे बाद छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा में 6 हज़ार क्यूसेक की वृद्धि की जाएगी।
लगातार बढ़ते डिस्चार्ज के कारण प्रभावित इलाकों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। मंगलवार सुबह आठ बजे जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार बांध का जलस्तर 1383.02 फीट दर्ज किया गया। बांध में पानी की आवक 74 हज़ार क्यूसेक से अधिक रही और कुल करीब 59,835 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
बीबीएमबी प्रशासन के मुताबिक पौंग बांध की सभी छह टरबाइनें चालू हैं, जिनसे करीब 17,456 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। वहीं स्पिलवे गेट्स से 42,379 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। पौंग बांध में पानी एकत्र करने की क्षमता 1410 फीट है, जबकि 1390 फीट को खतरे का निशान माना गया है।
50 मीटर के दायरे में बसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजेगा प्रशासन
बुधवार से पौंग बांध से अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने से पहले मंगलवार को फतेहपुर के एसडीएम विश्रुत भारती ने विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ आपात बैठक कर जरूरी दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ब्यास नदी के 50 मीटर दायरे में बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाएगा। वहीं प्रभावित होने वाले क्षेत्रों से दिव्यांग और असहाय लोगों को पहले चिन्हित कर उन्हें भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी।
राहत शिविर और स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था
प्रभावितों के लिए दाना मंडी रियाली और राधा स्वामी सत्संग भवन बडूखर में राहत शिविर बनाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग को राहत शिविरों में ठहरे लोगों का मेडिकल चेकअप करने के निर्देश दिए गए हैं। चूंकि इस इलाके में अधिकतर लोग पशुपालक हैं, इसलिए पशुपालन विभाग को पशुओं के चारे की विशेष व्यवस्था करने को कहा गया है।
अलर्ट मोड पर रखे गए विभाग
जल शक्ति विभाग, लोक निर्माण विभाग, विकास खंड फतेहपुर और अन्य विभागों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। बचाव दलों को किसी भी समय राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। एसडीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि राहत शिविरों में ठहराए गए लोग यदि बिना अनुमति अपने घर लौटे तो उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
प्रभावित क्षेत्रों में जांची व्यवस्था
मंगलवार दोपहर बाद एसडीएम विश्रुत भारती ने ब्यास नदी से प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने दाना मंडी, बडूखर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर स्थानीय लोगों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना। प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। साथ ही, उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को आवश्यक संसाधन तुरंत उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
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प्रशासन की अपील
- लोग नदी किनारे न जाएं और न ही बच्चों व पशुओं को वहां भटकने दें।
- राहत शिविरों में ठहराए गए लोग बिना अनुमति घर न लौटें।
- अफवाहों से बचें और केवल प्रशासन की ओर से जारी आधिकारिक सूचनाओं पर ही भरोसा करें।
- किसी भी आपात स्थिति या खतरे की आशंका होने पर तुरंत प्रशासन और बचाव दल को सूचित करें।
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