Pong Dam: सावधान! पौंग बांध का जलस्तर लगातार खतरे के निशान से ऊपर, एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ रहा BBMB
Pong Dam हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण पौंग बांध का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुँच गया है। जलस्तर 1394.47 फीट तक पहुँच गया है। बीबीएमबी द्वारा ब्यास नदी में पानी की निकासी बढ़ा दी गई है जिससे निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। फतेहपुर और इंदौरा में प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

जागरण फतेहपुर (कांगड़ा)। हिमाचल प्रदेश में ऊपरी क्षेत्रों में हो रही मूसलधार वर्षा के कारण पौंग बांध का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। वीरवार को पौंग बांध से एक क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है। वीरवार सुबह 7 बजे जलस्तर 1394.52 फीट दर्ज किया गया था, जबकि 8 बजे यह और बढ़कर 1394.54 फीट हो गया। सुबह 11 बजे बांध का जलस्तर और बढ़कर 1394.60 फीट तक पहुंच गया। बांध का खतरे का निशान 1390 फीट पर तय है।
सुबह 7 बजे बांध में 1,07,205 क्यूसेक पानी की आवक दर्ज की गई थी, जबकि 8 बजे यह बढ़कर 1,14,738 क्यूसेक हो गई। इस दौरान बांध से टरर्बाइन के माध्यम से 16,892 क्यूसेक और स्पिलवे से 82,781 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इस तरह कुल 99,673 क्यूसेक पानी का निकास किया गया।
फतेहपुर व इंदौरा में अलर्ट
उधर, प्रशासन ने फतेहपुर और इंदौरा सहित निचले क्षेत्रों में बसे लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने और सतर्क रहने की अपील की है। मौसम आंशिक रूप से बादल रहा। एसडीएम फतेहपुर विश्रुत भारती ने कहा कि निचले इलाकों में रहने वाले लोग किसी भी तरह का जोखिम न उठाएं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। राजस्व विभाग की टीमें हालात पर पैनी नजर रखे हुए हैं।
दूसरी ओर एसडीएम इंदौरा सुरेन्द्र ठाकुर ने कहा कि ब्यास किनारे बसे गांवों के लोगों को अलर्ट किया है। सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए हैं और आपदा प्रबंधन दल राहत व बचाव कार्यों के लिए तैनात हैं।
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बीबीएमबी कर्मचारी एक दिन का वेतन बाढ़ पीड़ितों को देंगे
वहीं, पंजाब और हिमाचल में आई बाढ़ से प्रभावित परिवारों की मदद के लिए भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने सराहनीय कदम उठाया है। बीबीएमबी ने निर्णय लिया है कि सितंबर में सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने वेतन का एक दिन का हिस्सा राहत कार्यों के लिए देंगे।
राहत कोष में 50:50 अनुपात में जमा होगी राशि
विशेष सचिव अजय कुमार शर्मा की ओर से जारी आदेश के अनुसार कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटकर पंजाब और हिमाचल प्रदेश राहत कोष में 50:50 अनुपात में जमा कराया जाएगा। यह संपूर्ण राशि चार सितंबर तक दोनों राज्यों के राहत कोष में स्थानांतरित कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री राहत कोष में दी गई यह राशि आयकर अधिनियम की धारा 80 जी के तहत 100 प्रतिशत छूट के योग्य होगी।
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