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    Thangi: चंबा में पीएम मोदी ने किया ठांगी का जिक्र, जानिए क्या है ठांगी और इसकी विशेषता

    Thangi अभी तक देश-प्रदेश के अधिकतर लोगों को चंबा के रुमाल चंबा चप्पल चंबा के मिंजर मेले व चंबा चुख के बारे में ही ज्यादा जानकारी थी लेकिन पीएम मोदी के ठांगी के जिक्र के बाद इसके बारे में जानने की उत्सुकता भी जागी है।

    By Jagran NewsEdited By: Virender KumarUpdated: Thu, 13 Oct 2022 04:39 PM (IST)
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    Thangi: चंबा की पांगी की ठांगी जिसका जिक्र पीएम मोदी ने किया। जागरण

    पांगी (चंबा), कृष्ण चंद राणा। Thangi, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीरवार को चंबा को नायाब सौगातें देने के साथ चंबा के पांगी की ठांगी का भी जिक्र किया। इससे पांगीवासी अपने आप को सम्मानित महसूस कर रहे हैं। अभी तक देश-प्रदेश के अधिकतर लोगों को चंबा के रुमाल, चंबा चप्पल, चंबा के मिंजर मेले व चंबा चुख के बारे में ही ज्यादा जानकारी थी, लेकिन पीएम मोदी के ठांगी के जिक्र के बाद इसके बारे में जानने की उत्सुकता भी जागी है। आइये आपको बताते हैं क्या होती है ठांगी।

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    यह है ठांगी

    पांगी की ठांगी (Hazelnut) ड्राई फ्रूट (सूखा मेवा) के तौर पर मशहूर है। जिला चंबा के जनजातीय विकास खंड पांगी के जंगलों में इसके पेड़ बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं। कई किसानों ने अपने खेतों में इसके पेड़ लगाए गए। ठांगी की फसल सितंबर-अक्टूबर माह में निकलती है। आम तौर पर लोग इसको गिफ्ट के तौर पर देते हैं। ठांगी बादाम की तरह ड्राई फ्रूट है। इसको लोग जंगलों में जाकर इकठ्ठा करते हैं। इसे अगर बाजार में बेचा जाए तो 2000 से 2500 रुपये प्रतिकिलो तक दाम मिल सकता है। ठांगी न ज्यादा गर्म होती न ही ठंडी होती है। इसमें आयल भी कम होता है।

    स्थानीय मिठाई में इस्तेमाल ठांगी।

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    चाकलेट बनाने वाली कंपनियां बना सकती हैं बेहतर प्रोडक्ट

    हालांकि इसको अभी तक अच्छा बाजार नहीं मिल पाया है। अगर इस ड्राई फ्रूट का नेस्ले या अन्य चाकलेट बनाने वाली कंपनियों के साथ कारोबार किया जाता है तो स्थानीय लोगों को इसका आर्थिक तौर पर बड़ा लाभ मिल सकता है। 2017 में तत्कालीन आवसीय आयुक्त रोहित राठोर ने नस्ले कंपनी से इसकी पेटेंट की योजना बनाई थी, लेकिन फिर उनका स्थानांतरण हो गया और 2019 में कोरोना महामारी की वआ गया जिसके कारण आग बात नहीं बढ़ पाई। ठंगी जंगलों से लाने का ज्यादा तर कार्य महिलाएं करती है।