अब चरित्र प्रमाण पत्र के लिए लोकमित्र केंद्रों से ही मिल जाएगी पुलिस वेरिफिकेशन
ज्वालामुखी विधानसभा की लाखों की आवादी को सरकारी या निजी क्षेत्र में नौकरियों के लिए चरित्र प्रमाण पत्र हेतु लोकमित्र केंद्रों से ही पुलिस वेरिफिकेशन मिल जाएगी।
ज्वालामुखी, प्रवीण कुमार पंडित। लोगों को चरित्र प्रमाणपत्र की वेरिफिकेशन के संबंध में बार -बार पुलिस चौकियों व थानों के चक्कर से छुटकारा दिलवाने के लिए उपमंडल पुलिस यह सुविधा ऑनलाइन करने का प्रावधान करेगी। इसके लिए तैयारियां जोरों से चल रही हैं। निकट भविष्य में ज्वालामुखी विधानसभा की लाखों की आवादी को सरकारी या निजी क्षेत्र में नौकरियों के लिए चरित्र प्रमाण पत्र हेतु लोकमित्र केंद्रों से ही पुलिस वेरिफिकेशन मिल जाएगी।
इस समय विधानसभा में रक्कड़, खुंडिया व ज्वालामुखी को मिलाकर तीन पुलिस थाने जनता की सहूलियत के लिए बनाए गए हैं। जबकि लगड़ू व मझींण दो पुलिस चौकियां हैं। ज्वालामुखी थाने के तहत 22 ग्राम पंचायतें व एक नगर परिषद है। जबकि पुलिस थाना रक्कड़ में 20, खुंडिया 19 तथा लगड़ू व मझींण में 5 व 4 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। कुल मिलाकर उपमंडल पुलिस 70 पंचायतों का लेखा जोखा रखती है। इसमें ज्वालामुखी विधानसभा के साथ जसवां-परागपुर व देहरा विधानसभा की भी कुछ पंचायतें शामिल हैं।
क्षेत्र की 1,19,869 की आवादी पुलिस से संबंधित किसी भी कार्य के लिए इन्हीं थानों व पुलिस चौकियों पर निर्भर है। सरकारी अथवा निजी रोजगार के लिए चरित्र प्रमाणपत्र हेतु सबसे ज्यादा मुश्किल चंगर क्षेत्र की 28 पंचायतों को है। जहां के लोगों को एक प्रमाणपत्र के लिए 20 से 25 किलोमीटर का सफर तय करके थानों व चौकियों में पहुंचना पड़ता है। पुलिस विभाग में भी स्टाफ की कमी के कारण कई बार लोगों को यह प्रमाणपत्र अगले दिन या 4 दिन बाद ले जाने को कहा जाता है। हालांकि सरकार ने बोनोफाइड, चरित्र प्रमाणपत्र व अन्य कई तरह के सर्टिफिकेट के लिए पूरे प्रदेश में लोकमित्र केंद्रों में लोगों को सुविधाएं दीं हुई हैं। लेकिन चरित्र प्रमाणपत्र सहित अन्य दस्तावेजों के लिए पंचायत स्तर की वेरिफिकेशन के बाद पुलिस की वेरिफिकेशन के लिए सबसे ज्यादा अड़चन दूरी पर स्थित थानों व चौकियों के कारण आती है।
ग्राम पंचायत मूहीँ के प्रधान सुरजीत धीमान, चौली के पूर्व प्रधान उपेंद्र धीमान, कलोहा के पूर्व प्रधान हंस राज धीमान बताते हैं कि लोगों को दस्तावेजों की प्रमाणिकता से पहले पुलिस से संस्तुति के लिए मीलों का सफर तय करना पड़ता है। इससे कई बार मुश्किलें आतीं हैं। यदि यह व्यवस्था होती है तो निश्चित तौर पर लोगों को फायदा होगा। पैसे व समय की बचत भी होगी।
डीएसपी ज्वालामुखी तिलिक राज शांडिल ने कहा कि हम प्रयास कर रहे हैं कि पुलिस वेरिफिकेशन के लिए लोगों को बार बार के चक्करों से निजात मिले। ज्वालामुखी विधानसभा के अलग अलग थानों व चौकियों के अधीन 70 पंचायतों की 1,19,868 की आबादी आश्रित है। चंगर क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति अलग है। एक प्रमाणपत्र के लिए पूरा पूरा दिन बसों में ही बीत जाता है। ऑनलाइन व्यवस्था शुरू होने से लोगों का समय व आने जाने के लिए आर्थिक खर्चा घटेगा। लोकमित्र केंद्र थानों से ऑनलाईन जानकारी हासिल कर लें। इसके लिए तैयारी की जा रही है।