अब युवतियां भी रिवर राफ्टिंग में लेने लगीं दिलचस्पी, कुल्लू की लगघाटी में ले रहीं प्रशिक्षण
River Rafting शुरू में ब्यास नदी में उतरना किसी चुनौती से कम नहीं था। पानी में उतरकर उसमें राफ्टिंग चलाना और लहरों में गिरने का डर। ऐसे में दो दिन तक ...और पढ़ें

कुल्लू, संवाद सहयोगी। River Rafting, 'शुरू में ब्यास नदी में उतरना किसी चुनौती से कम नहीं था। पानी में उतरकर उसमें राफ्टिंग चलाना और लहरों में गिरने का डर। ऐसे में दो दिन तक परेशानी आई। इसके बाद डर दूर हुआ और अब बेझिझक राफ्टिंग चला सकते हैं।'
यह बात कुल्लू के पिरड़ी में राफ्टिंग का प्रशिक्षण ले रही लगघाटी के तिऊन गांव की उर्मिला ने कही। वह बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान गिमनर सिंह ने उन्हें काफी अच्छे तरीके से बताया। पहली बार ऐसा मौका मिला है जब युवतियां भी राफ्टिंग सीख रही हैं। अब हम लोग इसे अपना रोजगार का जरिया बना सकते हैं।

वहीं तीऊन की शिल्पा ने बताया कि वह आगे आने वाले समय के लिए तैयारी कर रही हैं। सरकार की यह अच्छी योजना है। हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के सहयोग से अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण और संबद्ध खेल संस्थान उन्हें यह प्रशिक्षण निश्शुल्क करवाया जा रहा है।

अभी तक उन्होंने ब्रीथ करना, स्विमिंग करना, राफ्ट चलाना, राफ्ट को पलटना और उसे सीधा करना, राफ्ट के ऊपर चढऩा और गिरने जैसे हर कला की बारीकियां सिखाई गई। गौरतलब है कि कुल्लू के पिरड़ी में 35 उम्मीदवारों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें 29 युवक व छह युवतियां शामिल हैं। यह दूसरा बैच है। पहले बैच में 10 युवतियां प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी हैं।
कुल्लू के पिरड़ी में यह दूसरा बैच है जिसमें 35 युवा व युवतियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें छह युवतियां भी राफ्टिंग का प्रशिक्षण ले रही है। पहले बैच में 10 युवतियां सीख चुकी है।
-कपिल भारद्वाज, प्रशिक्षण हेड हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम शिमला

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