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    बुजुर्गो और दिव्‍यांगों का दर्शन करना यहां नहीं है चुनौती से कम

    By Richa RanaEdited By:
    Updated: Thu, 07 Jan 2021 01:38 PM (IST)

    विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर के पीछे पहाड़ी पर स्थित प्राचीन एवं एतिहासिक अर्जुन नागा मंदिर जहां यात्रियों को पहुंचने के लिए 350 पौढ़ियां चढ़कर जाना पड़ता है। यहां पर मूलभूत सुविधाओं के अभाव में श्रद्धालुओं को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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    अर्जुन नागा मंदिर में सड़क के अभाव में यात्रियों को 350 पौढ़ियां चढ़कर जाना पड़ता है।

    ज्वालामुखी, करुणेश शर्मा। विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर के पीछे पहाड़ी पर स्थित प्राचीन एवं एेतिहासिक अर्जुन नागा मंदिर जहां यात्रियों को पहुंचने के लिए 350 पौढ़ियां चढ़कर जाना पड़ता है। यहां पर मूलभूत सुविधाओं के अभाव में श्रद्धालुओं को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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    कई सरकारें आई और चली गई यहां के लोगों के साथ हर किसी ने वायदे किए परंतु निभाए नहीं। एेतिहासिक एवं प्राचीन अर्जुन नागा मंदिर का इतिहास मां ज्वालामुखी के मंदिर के साथ जुड़ा है। अर्जुन नागा मंदिर का इतिहास मां ज्वालामुखी के साथ गुरु गोरखनाथ के साथ भी जुड़ा है। जानकारों की माने तो गुरु गोरखनाथ के शिष्य अर्जुन नागा पहाड़ी पर चढ़कर तपस्या करने बैठे और सतयुग चला गया और कलयुग आ गया और वे वहीं पर पत्थर की मूर्ति में बदल गए उनके दरबार में कई लोग मन्नत मांगने आते हैं और उनके मनोरथ पूरे होते हैं।

    मां ज्वालामुखी के दरबार में आने वाले श्रद्धालु गोरख डिब्बी मंदिर के साथ अर्जुन नागा मंदिर टेढ़ा मंदिर तारादेवी मंदिर अंबिकेश्वर मंदिर भैरव मंदिर आदि में भी दर्शन करते हैं। यह सभी मंदिर एक परिक्रमा मार्ग से जुड़े हैं हैरानी इस बात की है कि सभी मंदिरों को सड़क से जोड़ा जा चुका है। परंतु प्राचीन एवं एतिहासिक अर्जुन नागा मंदिर आज भी सड़क सुविधा से वंचित है। यहां पर श्रद्धालुओं को 350 पौढ़ियां चढ़कर जाना पड़ता है जो बुजुर्गों व दिव्यांग यात्रियों के लिए बहुत ही ज्यादा मुश्किल है। यहां मंदिर के महंत जमुना गिरी ने बताया की सभी राजनेताओं ने उनके साथ वायदे किए कि यहां पर सड़क सुविधा पहुंचाई जाएगी। उन्होंने कहा कि छोटे से छोटा सामान लेने के लिए भी उनके परिवार के लोगों को 350 पौढ़ियां उतरनी पड़ती है और इतनी ही चढ़नी पड़ती है।

    जिससे उनका जीवन बहुत ही कष्टदायक व संघर्षशील हो गया है उन्होंने हैरानी जताई कि सरकारों ने कई स्थानों पर एक एक घर के लिए भी सड़क पहुंचाई है परंतु यहां पर कई घर होने के बावजूद और ऐतिहासिक प्राचीन अर्जुन नागा मंदिर होने के बावजूद आज भी यहां के लोग सड़क सुविधा से महरूम है यहां पर जल शक्ति विभाग का सीवरेज का कनेक्शन भी अभी तक  लोगों को नही मिल पाया है एक सिलेंडर लेने के लिए यहां पर 250 रुपये के लगभग लेबर देनी पड़ती है यहां निर्माण कार्य करवाने में भी भारी दिक्कत होती है 12 सौ की रेत की ट्रॉली यहां पर 4000 में पहुंचती है जबकि आधा निर्माण का सामान रास्ते में ही गिर जाता है लोग यहां पर काले पानी की सजा भुगत रहे हैं इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए उन्होंने सरकार व प्रशासन से कई बार आग्रह किया परंतु उनकी किसी ने कोई सुनवाई नहीं की है।

    इस संदर्भ में स्थानीय विधायक रमेश धवाला से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि अर्जुन नागा मंदिर में शीघ्र ही सड़क व्यवस्था मुहैया कराई जाएगी ताकि यहां के लोगों को सुविधा मिल सके साथ ही यहां पर यात्रा करने आने वाले यात्रियों को भी सुविधा मिल सके और यहां पर ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु आए जिससे लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। एसडीएम ज्वालामुखी धनवीर ठाकुर ने कहा की आगामी मंदिर के बजट की बैठक में अर्जुन नागा मंदिर तक सड़क पहुंचाने के लिए बजट का प्रावधान किया जाएगा।