Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Himachal Police Recruitment आठ साल के फेर में फंसे कांस्टेबल

    By Vijay BhushanEdited By:
    Updated: Tue, 14 Sep 2021 08:35 PM (IST)

    पुलिस विभाग में कांस्टेबल की भर्ती नियमित आधार पर होती है पर वेतनमान अनुबंध के बराबर भी नहीं मिलता है। प्रदेश का यह इकलौता ऐसा विभाग है जहां नियमित के बराबर वेतनमान आठ साल के सेवाकाल के बाद मिलते हैं।

    Hero Image
    हिमाचल में पुलिस भर्ती के नियम अन्य विभागों से अलग।

    शिमला, राज्य ब्यूरो। कांस्टेबल पुलिस तंत्र का अहम हिस्सा माने जाते हैं, लेकिन सरकारी तंत्र को इनके हितों की परवाह नहीं है। पुलिस विभाग में कांस्टेबल की भर्ती नियमित आधार पर होती है, पर वेतनमान अनुबंध के बराबर भी नहीं मिलता है। प्रदेश का यह इकलौता ऐसा विभाग है, जहां नियमित के बराबर वेतनमान आठ साल के सेवाकाल के बाद मिलते हैं। आठ साल के फेर में हजारों पुलिस कर्मी फंसे हुए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राज्य पुलिस मुख्यालय ने भी इनके हितों की जोरदार पैरवी की, लेकिन सचिवालय में बैठे नौकरशाहों ने प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया।

    कब लगाई अनोखी शर्त

    प्रदेश में पहले कांस्टेबल को नियमित जैसा ही वेतनमान मिलता था, लेकिन 2012 में अनोखी शर्त लगाई। वित्त विभाग ने इसे 2013 से लागू कर दिया। इसके अनुसार कांस्टेबल का पद तो नियमित होगा, पर पूरे वेतनमान के लिए आठ साल तक इंतजार करना होगा। इसके बाद पुलिस कल्याण संघ ने गृह विभाग, डीजीपी को कानूनी नोटिस दिया। इस बीच 2015 में तत्कालीन सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिए फैसले के बाद 2013 के बैच को तीन साल के सेवाकाल के बाद ही पे बैंड जारी कर दिया था। आदेश 2016 में जारी किए। इसके बाद के सभी बैच के लिए आठ साल की ही शर्त लगा दी। यह अब तक जारी है।

    कोर्ट में दी है चुनौती

    20160 17 और 18 में भर्ती कांस्टेबल ने वित्त विभाग के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी है। अभी इस पर कोर्ट से कोई फैसला नहीं आया है।

    अब 1334 पदों पर करना होगा आठ साल का इंतजार

    पुलिस की नई भर्ती भी नियमित आधार पर होगी, लेेकिन नियमित के बराबर आर्थिक लाभ आठ साल बाद मिलेंगे। इससे प्रतिमाह एक कांस्टेबल को आठ साल में नौ लाख से अधिक का नुकसान झेलना पड़ेगा।

    क्या है अन्य के लिए व्यवस्था

    वित्त विभाग ने दूसरे विभागों के लिए भी शर्त लगाई है। जैसे ही कोई कर्मी अनुबंध से नियमित होगा, उसे अगले दो साल तक प्रोबेशन पर रखा जाएगा, प्रोबेशन पीरियड पूरा होने के बाद ही पूरे वित्तीय लाभ मिलेंगे। यानी पांच साल के सेवाकाल के बाद ये लाभ जारी होंगे। अनुबंध कार्यकाल तीन वर्ष का है। यह भी दो साल करने की तैयारी है। जबकि दिहाड़ीदार भी पांच साल के सेवाकाल के बाद नियमित होते हैं।

    ...............

    24 घंटे थानों, चौकियों में ड्यूटी देने वाले कांस्टेबल के हितों के साथ बड़ा खिलवाड़ किया जा रहा है। कई बार मुद्दा उठाया। विधानसभा में भी मामला उठता रहा है, पर नतीजा नहीं निकला। अभी कोर्ट से ही राहत मिलने की उम्मीद है।

    -रमेश चौहान, अध्यक्ष, पुलिस कल्याण संघ।