Road Safety With Jagran: समझना होगा सिर्फ गाड़ी चलाना और सुरक्षित वाहन चलाने में अंतर
वाहन चला लेना और सुरक्षित वाहन चलाने में अंतर समझना बहुत आवश्यक है। अधिकतर लोग कुछ दिन प्रशिक्षण लेकर समझते हैं कि वाहन चलाने लगे हैं जबकि दक्ष होने के लिए वाहन से लेकर यातायात की समझ के साथ नियमों की प्रति जागरूक होना आवश्यक है।

नाहन, राजन पुंडीर । Road Safety With Jagran:वाहन चला लेना और सुरक्षित वाहन चलाने में अंतर समझना बहुत आवश्यक है। अधिकतर लोग कुछ दिन प्रशिक्षण लेकर समझते हैं कि वाहन चलाने लगे हैं, जबकि दक्ष होने के लिए वाहन से लेकर यातायात की समझ के साथ नियमों की प्रति जागरूक होना आवश्यक है। अति उत्साह भी सड़क हादसों का कारण बनता है। सिरमौर जिला में ड्राइविंग सिखाने के लिए पांच एलएमवी ड्राइविंग स्कूल क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में पंजीकृत हैं। इन्हीं पांच ड्राइविंग स्कूल में से दो ड्राइविंग स्कूलों के पास एचटीवी ड्राइविंग स्कूल की भी मान्यता है। ये स्कूल करीब एक माह तक वाहन चलाने का प्रशिक्षण देते हैं। प्रतिदिन करीब आठ किलोमीटर गाड़ी चलाना सिखाते हैं।
इसके अलावा निर्धारित दिन वाहन व यातायात से संबंधित थ्योरी की जानकारी दी जाती है और कार्यशाला लगाई जाती है। ड्राइविंग सिखाने वाले स्कूलों के लिए परिवहन विभाग ने कार्यशाला अनिवार्य की गई है। ड्राइविंग स्कूल का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदनकर्ता के पास पांच से 10 साल का अनुभव वाहन चलाने का होना अनिवार्य है। संचालक गाड़ी के बारे में पूरी जानकारी देते हैं। यदि गाड़ी में हल्की खराबी आए जाए तो उसे कैसे ठीक करना है। टायर बदलना भी सिखाया जाता है। इसके अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से उपलब्ध किताबें पढ़ने के लिए दी जाती हैं।
सराहां में ड्राइविंग सिखाने वाले भूपि मोटर ड्राइविंग स्कूल के संचालक भूपेंद्र कुमार ने बताया कि 18 से 30 वर्ष के युवा ड्राइविंग के नियम और गुण जल्दी सीख जाते हैं। 40 वर्ष के ऊपर तथा कुछ महिलाओं को ड्राइविंग सिखाने में बहुत ज्यादा समय लग जाता है। 40 वर्ष से अधिक आयु के अधिकतर लोग ड्राइविंग सीखते समय सहज नहीं होते। युवा बहुत जल्दी बेहतर ड्राइवर बन जाते हैं। इनको हाईवे पर ड्राइविंग की अच्छी समझ हो जाती है।
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