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    पालमपुर में धूम-धाम से मनाया गया मशरूम दिवस, बागवानी विभाग ने किसानों को सिखाए खेती और मार्केटिंग के गुर

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 10:13 PM (IST)

    पालमपुर में मशरूम विकास परियोजना के तहत मशरूम दिवस मनाया गया। किसानों को मशरूम की खेती के लाभ बताए गए और बागवानी विभाग की योजनाओं की जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने विभिन्न प्रकार के मशरूम उगाने और उनकी मार्केटिंग के बारे में मार्गदर्शन किया। किसानों ने अपने अनुभव साझा किए और मशरूम को आय का एक नया स्रोत बताया।

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    पालमपुर में किसानों को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण (फोटो: जागरण)

    संवाद सहयोगी, पालमपुर। मशरूम विकास परियोजना के अंतर्गत मशरूम दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित कार्यक्रम में किसानों को मशरूम उत्पादन के लाभों के बारे में जागरूक किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल आय में वृद्धि करना था, बल्कि रोजगार सृजन और उपभोक्ताओं को पोषक तत्वों तथा औषधीय गुणों की जानकारी प्रदान करना भी था।

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    मुख्य अतिथि के रूप में बागबानी विभाग के संयुक्त निदेशक कमलशील नेगी ने पालमपुर में किसानों को विभाग की ओर से चलाई जा रही योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसान मशरूम की खेती के माध्यम से अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं और अपने परिवार को एक पौष्टिक आहार उपलब्ध करा सकते हैं।

    इस अवसर पर बागबानी विभाग की ओर से मशरूम की विभिन्न खाने योग्य प्रजातियों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें 100 से अधिक किसान और मशरूम उत्पादक शामिल हुए।

    उपनिदेशक बागबानी कांगड़ा डा. अलक्ष पठानिया ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि मशरूम उत्पादन एक महत्वपूर्ण आय का स्रोत हो सकता है।

    उन्होंने शिटाके, बटन मशरूम और ढींगरी मशरूम जैसे आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण मशरूम उगाने का सुझाव दिया। विषय विशेषज्ञ, जायका प्रोजेक्ट के डा. सपन ठाकुर ने शिटाके मशरूम की उपयोगिता और गुणवत्ता के बारे में जानकारी दी।

    इससे पहले विषय विशेषज्ञ डा. हितेंद्र पटियाल ने किसानों को प्रशिक्षण शिविर में मशरूम की खेती, उसकी बीमारियों, मार्केटिंग और बैंक से सहायता प्राप्त करने की जानकारी दी। मशरूम उत्पादक डा. सुनील कुमार और किसान विनोद ने भी अनुभव साझा किए और इसे स्वरोजगार के रूप में अपनाने की सलाह दी।

    कार्यक्रम के अंत में हंस फाउंडेशन के परियोजना प्रबंधक ओम राज शर्मा ने किसानों का धन्यवाद किया और कहा कि मशरूम से लोगों को आय का एक नया स्रोत बनाया जा सकता है।

    इस कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ डा. उमंग भारद्वाज, उद्यान विकास अधिकारी डा. राजेश पटियाल, डा. हितेश ठाकुर, सहायक उद्यान विकास अधिकारी संजय मेहता, उद्यान प्रसार अधिकारी किरण कुमारी, हंस फाउंडेशन के डा. अरुण और डा. चेतना ने भी किसानों को संबोधित किया।